राजस्थान में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा की सदस्यता को पार्टी ने समाप्त कर दिया है। यह कार्रवाई उस विवाद के बाद की गई है, जिसमें आहूजा ने मंदिर में गंगाजल छिड़कने की बात कही थी। पार्टी की अनुशासन समिति ने आहूजा के खिलाफ आरोपों को सही पाया, जिसके बाद प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने यह फैसला लिया।
ज्ञानदेव आहूजा का बयान: “आगे बड़ा धमाका करूंगा”
आहूजा ने इस मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने कोई दलित विरोधी काम नहीं किया है। आहूजा ने यह भी बताया कि उन्हें प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से सहानुभूति और दुख का संदेश मिला था, लेकिन उन्होंने इसे नकारते हुए सत्य परक बात की बात की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 41 जिलों से लोगों ने उन्हें समर्थन दिया है और वे आगे बड़ा कदम उठाएंगे।
राम मंदिर में गंगाजल छिड़कने का विवाद
यह मामला तब सामने आया जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 6 अप्रैल को अलवर में एक मंदिर में दर्शन किए थे। इसके बाद आहूजा ने आरोप लगाया कि जूली हिंदू विरोधी हैं और उनके द्वारा किए गए मंदिर दर्शन के बाद वहां गंगाजल छिड़ककर मंदिर को पवित्र किया। आहूजा के इस कदम को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया और प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किए गए थे।
विपक्ष का विरोध और बीजेपी की कार्रवाई
विपक्ष ने आहूजा के गंगाजल छिड़कने के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आहूजा के खिलाफ प्रदर्शन किए, जिसमें उनके आवास पर काले रंग से नाम प्लेट को पोत दिया गया। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया और कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पार्टी ने इस मामले को अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई की है।