पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी को अपनी पत्नी कौशल जोशी के निधन के बाद 7 दिन की अंतरिम जमानत मिली है। सोमवार सुबह, जयपुर के मणिपाल अस्पताल में इलाज के दौरान कौशल जोशी का निधन हो गया। महेश जोशी को 24 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जल जीवन मिशन घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। आज उनकी रिमांड अवधि समाप्त हो रही थी, जिसके बाद उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया था, लेकिन इस दौरान उनकी पत्नी के निधन की सूचना मिलने पर महेश जोशी के वकील ने कोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी लगाई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद महेश जोशी को 7 दिन की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी।
जल जीवन मिशन घोटाले में गिरफ्तारी और आरोप
महेश जोशी और उनके सहयोगियों के खिलाफ 900 करोड़ रुपए के जल जीवन मिशन घोटाले की जांच चल रही है। इस मामले में अब तक पीयूष जैन, पदम चंद जैन, महेश मित्तल, और संजय बड़ाया को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोप है कि इन लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर जलदाय विभाग से करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए थे। श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी कार्य प्रमाण पत्र दिखाकर जल जीवन मिशन योजना के तहत सरकारी ठेके प्राप्त किए।
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन से जुड़ा घोटाला
जल जीवन मिशन के तहत, केंद्र सरकार का उद्देश्य हर घर में नल से जल पहुंचाना था। 2021 में, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदारों ने फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर जलदाय विभाग से टेंडर हासिल किए थे। इन कंपनियों ने 859.2 करोड़ और 120.25 करोड़ के टेंडर हासिल किए थे। यह घोटाला उजागर होने के बाद एसीबी ने जांच शुरू की और कई भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार किया। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई ने भी मामले की जांच शुरू की।
ईडी और सीबीआई की कार्रवाई
ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले में महेश जोशी और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच तेज कर दी थी। 4 मई को ईडी ने जांच पूरी कर सबूत और दस्तावेज एसीबी को सौंप दिए। सीबीआई ने भी 3 मई 2024 को इस मामले में केस दर्ज किया था। महेश जोशी के लिए इस वक्त की सबसे बड़ी राहत उनके पत्नी के निधन के बाद मिली 7 दिन की अंतरिम जमानत है। कोर्ट ने पहले उन्हें कुछ घंटों के लिए जेल भेजने का आदेश दिया था, लेकिन पत्नी के निधन के बाद उन्हें जमानत मिल गई।