भारत में अक्षय तृतीया को ऐसे शुभ अवसर के रूप में देखा जाता है जब जीवन में नई शुरुआत और निवेश को अत्यंत फलदायी माना जाता है। 30 अप्रैल को पड़ने वाली इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का प्रचलन है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने की परंपरा तो प्रसिद्ध है, लेकिन यदि आर्थिक सीमाएं हों, तो भी कई सरल विकल्प उपलब्ध हैं जिन्हें शुभ और समृद्धिदायक माना गया है।

इन वस्तुओं को खरीदने से मिलेगी सुख समृद्धि
मिट्टी का घड़ा खरीदना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया पर मिट्टी का घड़ा खरीदना शीतलता, संतुलन और सुख-शांति को आमंत्रित करता है। इसे घर के वातावरण को सकारात्मक बनाए रखने का प्रतीक भी माना जाता है।
पीतल की वस्तुएं
सोने-चांदी के विकल्प के तौर पर पीतल के बर्तन खरीदना भी सकारात्मक ऊर्जा और शुभता लाने वाला माना गया है।
जौ और अन्य अनाज
पीली सरसों, सेंधा नमक या जौ जैसी चीजें खरीदना कृषि समृद्धि और प्राकृतिक संतुलन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
चांदी के सिक्के या आभूषण
यदि सोने की कीमतें बजट से बाहर हों, तो चांदी के सिक्के या हल्के आभूषण खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है। चांदी मां लक्ष्मी के सौम्य रूप का प्रतिनिधित्व करती है।
रूई (कपास)
रूई खरीदना भी घर में सुख-शांति और स्थिरता बनाए रखने का एक सरल और प्रभावी उपाय माना गया है।

नया घर या जमीन
अक्षय तृतीया को स्थायी संपत्ति जैसे घर, जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। इससे दीर्घकालिक स्थायित्व और समृद्धि का संकेत जुड़ा है।
वाहन की खरीदारी
नई कार, बाइक या कोई अन्य वाहन इस दिन खरीदा जाए तो इसे सुख और उन्नति का मार्गदर्शक माना जाता है।
किन वस्तुओं की खरीद से बचें
अक्षय तृतीया पर प्लास्टिक, स्टील, एल्युमिनियम के बर्तन, काले कपड़े, कांटेदार पौधे, या कोई ऋण लेने से बचने की सलाह दी जाती है। ये चीजें शुभ ऊर्जा में अवरोध पैदा कर सकती हैं।