पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हाईलेवल मीटिंग की। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलहाकार अजित डोभाल और सीडीएस अनिल चौहान के अलावा तीनों सेना के अध्यक्ष मौजूद रहे करीब डेढ़ घंटे चली इस मीटिंग में पीएम ने सेना को आतंकवाद से निपटने के लिए खुली छूट देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसका तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे, सरकार को सेना की क्षमता पर पूरा भरोसा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमले का करारा जवाब देना राष्ट्रीय संकल्प है।
अमरनाथ यात्रा और आम लोगों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता
पीएम मोदी ने अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि अमरनाथ यात्रा और घाटी में आम नागरिकों की सुरक्षा में किसी भी तरह की ढील नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए और सुरक्षाबलों की मौजूदगी हर संवेदनशील इलाके में सुनिश्चित की जाए।
गृह मंत्रालय में हुई बैठक, NSG-BSF-CRPF अधिकारी भी शामिल
इसके अलावा दिल्ली में एक और बड़ी बैठक गृह मंत्रालय में हुई, जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह ने की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक का मकसद था आतंकी हमलों की रोकथाम के लिए सुरक्षा रणनीति को और मजबूत करना।
बुधवार को कैबिनेट बैठक, पहलगाम हमले के बाद पहली बड़ी चर्चा
बुधवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक पहलगाम हमले के बाद सरकार की ओर से पहला बड़ा नीतिगत मंथन मानी जा रही है।
एनआईए की जांच जारी, स्थानीय मददगारों की तलाश में एजेंसी
हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) लगातार घटनास्थल का सीन री-क्रिएशन कर रही है। एजेंसी आतंकियों की मदद करने वाले स्थानीय नेटवर्क और नागरिकों की पहचान में जुटी है। बायसरन घाटी में हुए हमले में कुल 26 पर्यटक मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश गैर-कश्मीरी थे।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का X अकाउंट और 17 यूट्यूब चैनल्स बैन
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के सोशल मीडिया अकाउंट पर बैन लगा दिया है। एक वायरल वीडियो में आसिफ ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकी संगठनों को फंडिंग करता आया है। इसके अलावा 17 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स को भी भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिन पर भड़काऊ और फर्जी जानकारी फैलाई जा रही थी।
इतिहास में पहली बार सिंधु जल संधि पर रोक
हमले के ठीक बाद हुई कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक में सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया। यह भारत की तरफ से अब तक की सबसे बड़ी कूटनीतिक कार्रवाई मानी जा रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

- पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें देश के टॉप सैन्य और सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहे।
- डेढ़ घंटे चली इस बैठक में हमले की स्थिति, सुरक्षाबलों की कार्रवाई और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि अमरनाथ यात्रा और आम लोगों की सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए।
- हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ सामने आने के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया।
- सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और घाटी में सघन तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।