राजस्थान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और नए चिकित्सा संस्थानों की स्थापना के लिए बड़े कदम उठाने की घोषणा की है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने विधानसभा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर जवाब देते हुए बताया कि राज्य में 25,000 पदों पर भर्ती पूरी की जा चुकी है, जबकि 26,501 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, 129 एफआरयू (First Referral Unit) को क्रियाशील किया गया है।
“मा योजना” के तहत बजट बढ़ाकर ₹3,200 करोड़
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए “मा योजना” के तहत बजट बढ़ाकर ₹3,200 करोड़ कर दिया है, जिससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त इलाज मिल सकेगा। मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के बजट में भी वृद्धि करते हुए इसे ₹2,111 करोड़ कर दिया गया है। इसके अलावा, 11,655 स्वास्थ्य केंद्रों को ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ का दर्जा दिया गया है। अंतरराज्यीय पोर्टेबिलिटी लागू करने की योजना भी बनाई गई है, जिससे मरीज किसी भी राज्य में इलाज करा सकेंगे।
नए मेडिकल कॉलेजों के लिए ₹16,276 करोड़
राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों के विकास के लिए ₹16,276 करोड़ के निवेश का ऐलान किया गया है। सरकार ने राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) को एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में बदलने का निर्णय लिया है, जिसके लिए ₹700 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एसएमएस अस्पताल में 4,000 बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ट्रॉमा सेंटर और सुपर स्पेशियलिटी विभागों का विस्तार भी किया जाएगा। सरकार की इन पहलों के तहत “मा योजना” के अंतर्गत प्रतिदिन 8,200 मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिससे लाखों लोगों को लाभ मिल रहा है।