रविवार, जून 15, 2025
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अप्रैल में थोक महंगाई 13 महीने के न्यूनतम स्तर पर, खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से राहत

अप्रैल 2025 में थोक महंगाई दर गिरकर 0.85% पर आ गई है, जो पिछले 13 महीनों का सबसे निचला स्तर है। मार्च में ये दर 2.05% थी। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी इसका बड़ा कारण मानी जा रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 14 मई को ये आंकड़े जारी किए।

सरकार ने फरवरी के आंकड़ों में संशोधन किया

फरवरी 2025 की महंगाई दर को सरकार ने पहले के मुकाबले थोड़ा बढ़ा दिया है। पहले ये दर 2.38% बताई गई थी, जिसे अब संशोधित कर 2.45% कर दिया गया है।

रोजमर्रा की चीजों और ईंधन के दाम गिरे

थोक महंगाई में कमी की वजह से लोगों को रोजाना इस्तेमाल की चीजों में थोड़ी राहत मिली है। खाने-पीने की चीजों की महंगाई 4.66% से घटकर 2.55% हो गई है। वहीं फ्यूल और पावर की महंगाई भी 0.20% से घटकर -2.18% पर पहुंच गई है। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की दर भी 3.07% से घटकर 2.62% हो गई है।

थोक महंगाई का आम आदमी पर क्या असर होता है

जब थोक महंगाई लंबे समय तक बढ़ी रहती है तो इसका असर इंडस्ट्री पर भी पड़ता है। कंपनियां इस बोझ को धीरे-धीरे कंज्यूमर्स तक पहुंचा देती हैं। अगर कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं तो सरकार टैक्स कम करके राहत देने की कोशिश करती है, जैसा कि पहले पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर किया गया था। हालांकि सरकार टैक्स में ज्यादा कटौती नहीं कर सकती।

WPI में सबसे ज्यादा वेटेज मैन्युफैक्चरिंग का

थोक महंगाई को तीन हिस्सों में बांटा जाता है – प्राइमरी आर्टिकल्स (22.62%), फ्यूल एंड पावर (13.15%) और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स (64.23%)। इनमें खाने के सामान, ऑयल सीड्स, मिनरल्स और क्रूड पेट्रोलियम भी शामिल होते हैं।

महंगाई मापने के तरीके

भारत में महंगाई दो तरीके से मापी जाती है – एक खुदरा (CPI) और दूसरी थोक (WPI)। खुदरा महंगाई आम लोगों की खरीदारी पर असर डालती है, जबकि थोक महंगाई कारोबारी लेन-देन की दर पर आधारित होती है। CPI में खाने और हाउसिंग का असर ज्यादा होता है, जबकि WPI में मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन से जुड़ी चीजें ज्यादा मायने रखती हैं।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक

  1. अप्रैल 2025 में थोक महंगाई गिरकर 0.85% पर आ गई, जो पिछले 13 महीनों में सबसे कम है।
  2. खाने-पीने की चीजों की महंगाई 4.66% से घटकर 2.55% हो गई।
  3. फ्यूल और पावर की महंगाई -2.18% पर रही, मैन्युफैक्चरिंग की दर भी घटी।
  4. सरकार ने फरवरी 2025 की महंगाई दर 2.38% से संशोधित कर 2.45% की।
  5. WPI में सबसे ज्यादा वेटेज मैन्युफैक्चरिंग का है, जो 64% से भी ज्यादा है।
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