भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में आम चुनाव अप्रेल 2026 में होंगे। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने ईद से एक दिन पहले शुक्रवार शाम को देश के नाम अपने संबोधन में यह बात कही।
यूनुस ने कहा कि “अगला आम चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में कराया जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग आगामी दिनों में चुनावी रोडमैप और उससे जुड़े विवरण जारी करेगा।
यूनुस के मुताबिक, अगले साल तक चुनाव से संबंधित सभी जरूरी सुधार पूरे कर लिए जाएंगे। यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब देश की राजनीति और सैन्य नेतृत्व के बीच गहरा तनाव बना हुआ है।
सेना ने तय की थी दिसंबर की डेडलाइन
22 मई को सैन्य मुख्यालय में अफसरों को संबोधित करते हुए आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमा ने साफ कहा था कि चुनाव हर हाल में दिसंबर 2025 तक होने चाहिए। सेना की नजर में इससे ज्यादा विलंब देश की संवैधानिक व्यवस्था और स्थिरता को नुकसान पहुंचा सकता है।
इतना ही नहीं, जनरल वकार-उज-जमा ने अंतरिम सरकार को चेतावनी भी दी थी कि वह किसी बड़े राष्ट्रीय मसले पर कोई एकतरफा निर्णय न लें। यह बयान यूनुस सरकार और सैन्य नेतृत्व के बीच दरार को उजागर करता है।
BNP ने फिर दोहराई चुनाव की मांग
विपक्षी पार्टी BNP, जिसकी अगुवाई पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया करती हैं, ने भी यूनुस सरकार पर चुनाव जल्द कराने का दबाव बढ़ा दिया है। पार्टी ने दो टूक कहा कि यदि दिसंबर की समयसीमा का पालन नहीं हुआ और रोडमैप जल्द सार्वजनिक नहीं किया गया तो वे सहयोग वापस ले सकती हैं।
BNP नेताओं का कहना है कि चुनाव में देरी से राजनीतिक अस्थिरता बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की छवि को नुकसान हो सकता है।
कैसे चलता है बांग्लादेश का सत्ता ढांचा
बांग्लादेश की शासन प्रणाली भारत की तरह है, जहां कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होती हैं। राष्ट्रपति महज एक औपचारिक प्रमुख होते हैं, जिनका चुनाव संसद करती है।
1991 तक यहां राष्ट्रपति का चुनाव जनता करती थी, लेकिन संविधान में संशोधन के बाद यह जिम्मेदारी संसद को दे दी गई। शेख हसीना 20 वर्षों तक देश की प्रधानमंत्री रहीं और अगस्त 2024 में हुए तख्तापलट के बाद उन्हें सत्ता से हटाया गया था। तब से वे भारत में रह रही हैं।