रविवार, जून 15, 2025
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बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ा, ढाका में प्रदर्शन पर राेक

बांग्लादेश में एक बार फिर हालात बेकाबू हो गए हैं। वहां अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के खिलाफ विरोध लगातार बढ़ रहा है। खास तौर पर  विपक्षी पार्टियों, शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों और सेना के बीच भी नाराजगी देखी जा रही है। बढ़ते विरोध के बीच ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने राजधानी में सभी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और जनसभाओं पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है।

आदेश का सीधा असर सचिवालय और प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के आधिकारिक निवास ‘जमुना गेस्ट हाउस’ के आसपास दिख रहा है, जिन्हें पूरी तरह सील कर दिया गया है।
DMP कमिश्नर एसएम सज्जात अली ने कहा कि यह कदम “सार्वजनिक व्यवस्था और चीफ एडवाइजर की सुरक्षा सुनिश्चित करने” के लिए उठाया गया है।

ईद की छुटि्टयों के बाद बढ़ेगा आंदोलन

सिर्फ विपक्षी दल ही नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और सेना तक यूनुस सरकार से नाराज़ हैं। बांग्लादेश सचिवालय में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी एक अध्यादेश के विरोध में आंदोलनरत हैं। ईद की छुट्टियों के बाद इन प्रदर्शनों के और भड़कने की आशंका जताई जा रही है।
बांग्लादेश सचिवालय अधिकारी-कर्मचारी एकता मंच ने 15 जून तक मांगे पूरी न होने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

सेना और BNP के सुर एक जैसे

अगस्त 2024 में सत्ता में आई मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) लगातार चुनावी टाइमलाइन को लेकर घेर रही है। सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने भी दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की सलाह दी थी, लेकिन यूनुस अप्रैल 2026 की बात कर रहे हैं। यही कारण है कि उनकी सत्ता में बने रहने की मंशा पर शक गहराता जा रहा है।

शिक्षक हड़ताल पर, स्कूल बंद

सिर्फ दफ्तरों में ही नहीं, स्कूलों में भी सरकार के खिलाफ नाराज़गी है। देशभर के हजारों प्राथमिक स्कूल शिक्षक वेतन और भत्तों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कई जिलों में प्राथमिक शिक्षा पूरी तरह ठप है।

सेना और सरकार आमने-सामने

म्यांमार सीमा पर ‘रखाइन मानवीय गलियारे’ को लेकर सेना और सरकार के बीच खुला टकराव सामने आया है। बांग्लादेश सरकार के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित कॉरिडोर को लेकर सहमति की घोषणा की थी, लेकिन सेना ने इसे “खूनी गलियारा” कहकर नकारा।
सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने कहा कि बांग्लादेश की संप्रभुता के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा और अगर सरकार ने ऐसा किया तो सेना पीछे नहीं हटेगी। विवाद के बाद सरकार ने बयान से यू-टर्न लेते हुए कहा कि “किसी भी देश के साथ कोई समझौता नहीं हुआ है।”

छात्र आंदोलन से हसीना का इस्तीफा, बनी अंतरिम सरकार

बीते साल 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। यह फैसला उस छात्र आंदोलन के बाद आया था जो सरकारी नौकरियों में लागू किए गए 30% आरक्षण के विरोध में पूरे देश में फैल गया था।
ढाका की यूनिवर्सिटीज़ से शुरू हुआ यह आंदोलन देखते-देखते बांग्लादेश की सड़कों पर छा गया। भारी विरोध और जनदबाव के बीच हसीना को पद छोड़ना पड़ा, जिसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ।

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