बेंगलुरु में 4 जून को RCB की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ को लेकर अब मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में पहुंच गया है और सरकार ने इस पूरी त्रासदी के लिए सीधे तौर पर BCCI और RCB को जिम्मेदार ठहरा दिया है। बुधवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट को बताया कि इस इवेंट के लिए आयोजकों ने कोई वैध अनुमति नहीं ली थी, और सोशल मीडिया के ज़रिए ‘पूरी दुनिया’ को आमंत्रित कर लिया गया।
आखिरी वक्त पर दी गई आयोजन की जानकारी?
सरकार ने दावा किया कि आयोजन की जानकारी आखिरी वक्त पर दी गई, वो भी सिर्फ सूचना देने के लिए—not for permission. RCB ने 29 मई को ही फाइनल में जगह बना ली थी, फिर भी उन्होंने परेड या किसी भी जश्न के लिए न तो पहले से मंजूरी ली और न ही जरूरी सुरक्षा इंतज़ाम किए।
हाईकोर्ट में तीखी बहस
इस केस में एक बड़ी कानूनी चुनौती तब सामने आई जब RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले ने अपनी गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में अवैध बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पुलिस अफसरों को सिर्फ सस्पेंड किया गया है, तो सिर्फ उन्हें ही क्यों गिरफ्तार किया गया? उनके वकील ने आरोप लगाया कि CCB ने उन्हें मुख्यमंत्री के निर्देश पर गिरफ्तार किया, जबकि जांच CID को सौंप दी गई थी।
सिर्फ सोसले की ही गिरफ्तारी क्यों?
इस तर्क पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा कि जब मामला CID के हवाले किया गया था, तो CCB की गिरफ्तारी की भूमिका क्या थी? कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या मार्केटिंग हेड का नाम FIR में था। इस पर सरकारी वकील ने स्वीकारा कि FIR में किसी व्यक्तिगत नाम का ज़िक्र नहीं है, केवल संस्थाओं का नाम दर्ज है।
KSCA अधिकारियों को 16 जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत
इसके साथ ही KSCA (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) के अधिकारी भी इस केस में कटघरे में खड़े हैं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी रद्द करने की मांग की है और कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भीड़ नियंत्रित करना RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की ज़िम्मेदारी थी, न कि उनकी। हाईकोर्ट ने KSCA अधिकारियों को 16 जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है।
BCCI और RCB की ज़िम्मेदारियों पर गंभीर सवाल
इस पूरे मामले ने BCCI और RCB की ज़िम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार का साफ कहना है कि उन्होंने स्टेडियम के बाहर तीन-चार लाख लोगों को बुलाया, जो कि उसकी क्षमता से कई गुना ज़्यादा थे, और इसका कोई औपचारिक ब्लूप्रिंट पुलिस या प्रशासन को नहीं सौंपा गया। जांच के लिए अब न्यायिक आयोग बना है, जो एक महीने में रिपोर्ट देगा। अगली सुनवाई 12 जून को होगी।

- कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु भगदड़ के लिए BCCI और RCB को जिम्मेदार ठहराया, कहा- इवेंट की कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
- RCB ने 3 जून को सिर्फ एक घंटा पहले सरकार को परेड की जानकारी दी, अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया।
- RCB मार्केटिंग हेड निखिल सोसले ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी, CCB की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए।
- सरकार ने दलील दी कि गिरफ्तारी मुख्यमंत्री के आदेश पर नहीं, बल्कि प्रक्रियात्मक रूप से हुई थी; CCB की भूमिका पर कोर्ट में बहस जारी।
- KSCA ने भी अपनी गिरफ्तारी रद्द करने की मांग की, कोर्ट ने 16 जून तक राहत दी; अगली सुनवाई 12 जून को तय।