भारत और पाकिस्तान के बीच पानी को लेकर तनाव अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द करने और चिनाब नदी के पानी पर नियंत्रण के बाद पाकिस्तान के सेंट्रल पंजाब इलाके में सिंचाई संकट गहराने लगा है। इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) ने इस हालात को लेकर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि अगर यही हाल रहा तो खरीफ की फसलें और मंगला डैम का जल भंडारण गंभीर रूप से प्रभावित होगा।
पाकिस्तान के पंजाब में मची तबाही
IRSA के प्रवक्ता खालिद इदरीस राणा ने बताया कि चिनाब नदी का जल प्रवाह 31 मई को अचानक 22,700 क्यूसेक तक गिर गया, जो सीधे-सीधे भारत की तरफ इशारा करता है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा जल प्रवाह में अचानक बदलाव से सेंट्रल पंजाब के चावल बेल्ट पर सीधा असर पड़ा है, जिससे पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था खतरे में आ सकती है। IRSA ने भारत से संधि के नियमों के पालन की मांग की है और पाकिस्तान के जल संसाधनों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है।
‘चिनाब में पानी घटने से सिंचाई पर पड़ा असर’
IRSA के मुताबिक भारत ने जिस तरह से चिनाब नदी में जल प्रवाह कम किया है, उससे सबसे ज्यादा असर सेंट्रल पंजाब के उस इलाके पर पड़ा है जहां चावल की खेती होती है। खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा पानी की ज़रूरत होती है और ऐसे में पानी की किल्लत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
‘मंगला डैम पर भी बना संकट का साया’
IRSA के प्रवक्ता खालिद राणा ने बताया कि पानी की कमी को देखते हुए मंगला डैम से जल प्रवाह 10,000 से बढ़ाकर 25,000 क्यूसेक कर दिया गया है। मगर अगर यही स्थिति बनी रही तो मंगला डैम में जल भंडारण पर बुरा असर पड़ेगा, जो पूरे पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।
’31 मई को जल प्रवाह में अचानक गिरावट’
IRSA के आंकड़ों के अनुसार 29 मई को चिनाब का औसत जल प्रवाह 69,100 क्यूसेक और 30 मई को 78,000 क्यूसेक था। लेकिन 31 मई को यह गिरकर सिर्फ 22,700 क्यूसेक रह गया। इतनी बड़ी गिरावट अचानक नहीं हो सकती, जिससे साफ संकेत मिलता है कि भारत ने जल प्रवाह पर नियंत्रण किया है।
‘खरीफ की फसलें खतरे में’
IRSA ने चेताया है कि अगर जल संकट यूं ही बना रहा तो चावल के अलावा कपास, मक्का और गन्ने जैसी खरीफ फसलों पर भी असर पड़ेगा। ये फसलें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में अहम रोल निभाती हैं, जिससे देश को बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है।
‘भारत से संधि के पालन की मांग’
IRSA ने भारत से सिंधु जल संधि के तहत जल साझा करने की अपनी पुरानी प्रतिबद्धता को निभाने की अपील की है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत एकतरफा तरीके से पानी के प्रवाह में बदलाव कर रहा है, जिससे सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है।

- भारत ने चिनाब नदी का जल प्रवाह कम किया, जिससे पाकिस्तान के पंजाब में सिंचाई संकट गहराया।
- IRSA ने बताया कि 31 मई को जल प्रवाह अचानक 22,700 क्यूसेक तक गिर गया।
- मंगला डैम से जल प्रवाह बढ़ाया गया, लेकिन जल भंडारण पर खतरा मंडरा रहा है।
- खरीफ की फसलों पर सीधा असर, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
- पाकिस्तान ने भारत से सिंधु जल संधि के नियमों का पालन करने की अपील की।