बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सियासी हलचल तेज हो रही है। आज पटना में महागठबंधन के बड़े नेताओं की एक अहम बैठक हुई, जो करीब तीन घंटे तक चली। बैठक में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव, बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, लेफ्ट पार्टियों के नेता और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी भी मौजूद थे। माना जा रहा था कि इस बैठक में चुनावी तैयारियों से लेकर नेतृत्व तक पर सहमति बनेगी, लेकिन हालात कुछ और ही निकले।
तेजस्वी को मिली कमेटी की कमान, लेकिन नेता नहीं बने
बैठक के बाद महागठबंधन की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि एक कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को दी गई है। हालांकि ये फैसला अहम है, लेकिन चर्चा इस बात की ज़्यादा हो रही है कि तेजस्वी को गठबंधन का चेहरा क्यों नहीं घोषित किया गया। यही बात सवालों की बौछार में बदल गई, जब पत्रकारों ने सीधे तेजस्वी से इस पर जवाब मांगा।
कांग्रेस ने दिया गोलमोल जवाब, साफ नहीं हुआ चेहरा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब तेजस्वी से गठबंधन के चेहरे को लेकर सवाल हुआ, तो उन्होंने पास में बैठे कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावरु की ओर इशारा कर दिया। अल्लावरु ने पहले ही कह दिया कि वह एक ही जवाब बार-बार देंगे। उन्होंने कहा कि गठबंधन में किसी तरह की कोई उलझन नहीं है और सब कुछ क्लियर है। लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि चेहरा कौन होगा, तो उन्होंने जवाब देने से परहेज किया।
आरजेडी को उम्मीद, कांग्रेस ने बढ़ाया संदेह
तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने साफ-साफ कुछ नहीं कहा। सिर्फ इतना बोला कि सभी बातें एक बार में नहीं बताई जातीं। दूसरी ओर, कांग्रेस की टालमटोल से यह जाहिर हुआ कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। आरजेडी चाहती है कि तेजस्वी को चेहरा बनाया जाए, लेकिन कांग्रेस अब भी इस पर सहमति देने से बच रही है। यही वजह है कि आज की बैठक का संदेश कुछ अधूरा सा रह गया।
क्या तेजस्वी अब सधे कदमों से चलेंगे आगे?
तेजस्वी यादव को भले ही गठबंधन की कमेटी की जिम्मेदारी मिल गई हो, लेकिन नेतृत्व का मसला अभी भी अटका हुआ है। कांग्रेस और आरजेडी के सुर एक नहीं दिखे, जिससे कार्यकर्ताओं और जनता में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि तेजस्वी यादव आगे किस अंदाज़ में चुनावी मैदान में उतरते हैं और क्या वे गठबंधन के असली नेता बन पाएंगे या नहीं।

- महागठबंधन की पटना बैठक में तीन घंटे मंथन के बाद कोऑर्डिनेशन कमेटी का ऐलान हुआ।
- तेजस्वी यादव को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया, लेकिन गठबंधन का चेहरा घोषित नहीं हुआ।
- कांग्रेस ने चेहरे के सवाल पर गोलमोल जवाब दिया, जिससे गठबंधन में मतभेद सामने आए।
- आरजेडी चाहती है तेजस्वी नेतृत्व करें, पर कांग्रेस अब भी इस पर राज़ी नहीं दिख रही।
- अब देखना है कि तेजस्वी यादव कमेटी की कमान के साथ चुनावी रणनीति कैसे बनाते हैं।