पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी, जो कभी सिंधु नदी पर खून बहाने की धमकी देते थे, अब संयुक्त राष्ट्र में बैठकर भारत से बातचीत की गुहार लगा रहे हैं। हाल ही में चाइना सेंट्रल टेलीविजन को दिए एक इंटरव्यू में बिलावल ने कहा कि कश्मीर, आतंकवाद और सिंधु जल विवाद जैसे मुद्दों पर भारत‑पाकिस्तान को गंभीर और ठोस बातचीत करनी चाहिए।
बिलावल ने आरोप लगाया कि भारत ने जल विवाद में अवैध तौर पर नया मोर्चा खोल दिया है, जो दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह इस मसले पर दोनों देशों को बातचीत के लिए राज़ी करें।
भारत की एयरस्ट्राइक के बाद बदली रणनीति
बिलावल का यह नरम रुख ऐसे समय सामने आया है जब भारत ने 7 मई को हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी अड्डों पर एयरस्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया और 10 मई को दोनों देशों के बीच अस्थायी युद्धविराम की घोषणा हुई।
रॉयटर्स के मुताबिक, बिलावल ने यह स्वीकार किया कि युद्धविराम की घोषणा महत्वपूर्ण जरूर है, लेकिन यह बेहद नाजुक है। उन्होंने कहा कि अगर इसे स्थायी बनाना है, तो वैश्विक शक्तियों को भूमिका निभानी होगी।
‘भारत नहीं चाहता बातचीत’ – बिलावल का आरोप
भुट्टो ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लगातार बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन भारत इस प्रक्रिया से पीछे हट रहा है। यह स्थिति क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति के लिए खतरनाक हो सकती है। उनका दावा है कि अगर दोनों देश कूटनीतिक वार्ता शुरू करें, तो यही सबसे बड़ी जीत होगी।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने युद्धविराम कराने में भूमिका निभाई है, तो उन्हें अब स्थायी शांति के लिए भी कदम उठाने होंगे। उन्होंने बातचीत को ही समाधान बताया और कहा कि संवाद के बिना कोई दीर्घकालिक समाधान संभव नहीं है।
पहले उगला था ज़हर, अब कर रहे संवाद की वकालत
याद दिला दें कि जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद कड़ा रुख अपनाया और सिंधु जल संधि को लेकर कदम उठाए, तब बिलावल भुट्टो ने सार्वजनिक रूप से उग्र बयान दिया था। उन्होंने कहा था– “सिंधु दरिया में या तो पानी बहेगा, या हमारा खून।” लेकिन अब वही भुट्टो विश्व मंच पर भारत से शांति की बात करते नजर आ रहे हैं।

- बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत और पाकिस्तान को सिंधु जल विवाद, कश्मीर और आतंकवाद पर बातचीत करनी चाहिए।
- पहले दी थी धमकी, अब बिलावल ने कहा– असल जीत तभी मानी जाएगी जब संघर्षविराम स्थायी हो और वार्ता के ज़रिए समाधान निकले।
- भारत की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान बैकफुट पर है, और अब वैश्विक समुदाय से बातचीत के लिए दबाव बनाने की मांग कर रहा है।
- 10 मई को युद्धविराम घोषित हुआ था लेकिन बिलावल ने इसे अस्थायी बताया और अंतरराष्ट्रीय दखल की जरूरत बताई।
- पहले कहा था– “सिंधु में या तो पानी बहेगा या खून”, अब बदलकर शांति और कूटनीति की वकालत कर रहे हैं।