Monday, April 28, 2025
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हरियाणा BJP अध्यक्ष पर दर्ज गैंगरेप केस खारिज: कोर्ट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकारी, महिला नहीं हुई पेश

हरियाणा BJP के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ दर्ज गैंगरेप केस को हिमाचल के कसौली कोर्ट ने खारिज कर दिया। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

यह मामला तब खत्म हुआ जब शिकायतकर्ता महिला ने कोर्ट के समन स्वीकार नहीं किए और बयान दर्ज कराने नहीं पहुंची। पुलिस ने जांच में पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने वैध मान लिया।

कैसे शुरू हुआ था मामला?

👉 13 दिसंबर 2024 को कसौली पुलिस थाने में IPC की धारा 376D के तहत गैंगरेप की FIR दर्ज हुई थी।
👉 महिला ने आरोप लगाया कि 23 जुलाई 2024 को बड़ौली और रॉकी मित्तल ने होटल रोज कॉमन में जबरन शराब पिलाकर रेप किया और धमकाया।
👉 FIR की कॉपी 14 जनवरी 2025 को सामने आई, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा।

महिला पर पहले ही दर्ज था हनीट्रैप का केस

गैंगरेप मामले में बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ अपराध साबित नहीं हो सका, लेकिन शिकायतकर्ता महिला खुद ब्लैकमेलिंग के आरोपों में घिर गई। पंचकूला पुलिस ने महिला, उसकी सहेली और उसके बॉस अमित बिंदल के खिलाफ हनीट्रैप केस दर्ज किया था, जिसमें उन्हें गिरफ्तार भी किया गया।

गैंगरेप केस की जांच और विरोधाभास

1️⃣ 15 जनवरी को महिला की सहेली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा – ‘‘हम होटल में ठहरे जरूर थे, लेकिन वहां कोई रेप नहीं हुआ। बड़ौली से न मेरी मुलाकात हुई और न मैंने उन्हें देखा।’’
2️⃣ 16 जनवरी को महिला के बॉस अमित बिंदल बोले – ‘‘गवाहों को खरीदा या धमकाया गया हो सकता है।’’
3️⃣ 6 फरवरी को रॉकी मित्तल ने हनीट्रैप की शिकायत दर्ज कराई – दावा किया कि महिला और उसके साथियों ने AI टेक्नोलॉजी से बनाए वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने की साजिश रची।

आरोपों की असलियत: पुलिस की जांच में क्या निकला?

BJP नेता बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ यह मामला 13 दिसंबर 2024 को हिमाचल प्रदेश के कसौली पुलिस थाने में दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता महिला ने 23 जुलाई 2024 को होटल रोज कॉमन में जबरन शराब पिलाने और गैंगरेप का आरोप लगाया था। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन इस केस में कई विरोधाभास सामने आए।

👉 शिकायतकर्ता महिला ने जांच में सहयोग नहीं किया। पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट के अनुसार, महिला को दो बार समन भेजा गया, लेकिन उसने न तो कोर्ट में पेश होकर अपना बयान दर्ज कराया और न ही समन स्वीकार किया।
👉 कोर्ट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को मान्य ठहराया, जिसमें कहा गया था कि मामले में पर्याप्त सबूत नहीं मिले और महिला का व्यवहार संदेहास्पद रहा।

महिला खुद हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार, ब्लैकमेलिंग की साजिश का पर्दाफाश

गैंगरेप के इस केस का एक दूसरा पहलू भी सामने आया, जिसने इसे पूरी तरह उलट कर रख दिया। 6 फरवरी 2025 को पंचकूला में BJP नेता रॉकी मित्तल ने खुद एक मामला दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि गैंगरेप केस दरअसल एक सुनियोजित हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग का हिस्सा था।

👉 पुलिस जांच में पता चला कि महिला, उसकी सहेली और सोनीपत के BJP नेता अमित बिंदल ने मिलकर बड़ौली को फंसाने की साजिश रची थी।
👉 ब्लैकमेलिंग का तरीका – आरोपियों ने AI तकनीक से वीडियो बनाए और इनका इस्तेमाल कर नेताओं को ब्लैकमेल करने की योजना बनाई।
👉 इस षड्यंत्र का पर्दाफाश होते ही पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उसकी सहेली और अमित बिंदल को भी हिरासत में ले लिया गया।

राजनीतिक साजिश या व्यक्तिगत रंजिश?

यह मामला सिर्फ कानूनी लड़ाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें राजनीतिक घमासान भी तेज हो गया। गैंगरेप केस खारिज होने के बाद BJP नेताओं ने इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया। उनका कहना था कि यह आरोप “फर्जी” थे और उनका मकसद राजनीतिक बदनाम करना था। दूसरी ओर, विपक्ष ने आरोप लगाया कि BJP की सत्ता का प्रभाव जांच पर पड़ा, जिससे आरोपियों को क्लीन चिट मिल गई।

सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई। कुछ लोगों का मानना था कि महिला का हनीट्रैप केस में फंसना यह साबित करता है कि गैंगरेप केस झूठा था। वहीं, कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई या नहीं।

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