सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने करीब 10 साल बाद अपनी यूनिफॉर्म में बड़ा बदलाव किया है। अब जवानों को एक बिल्कुल नया डिजिटल कॉम्बैट लुक मिलेगा जो सिर्फ देखने में ही नहीं, बल्कि पहनने में भी ज्यादा आरामदायक और ऑपरेशन के लिए ज्यादा कारगर है। ये वर्दी खासतौर पर उन इलाकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जहां या तो तापमान 50 डिग्री के पार चला जाता है या उमस बहुत ज्यादा रहती है।
तीन रंगों वाला डिजिटल प्रिंट, दुश्मनों की नजरों से बचाएगी
नई वर्दी में खाकी, हरा और भूरा—तीन रंगों को मिलाकर डिज़ाइन तैयार किया गया है। इसका मकसद जवानों को उनके ऑपरेशन के दौरान कैमोफ्लाज का फायदा देना है। यानी जवान दुश्मन की नजर में जल्दी नहीं आएंगे और उनका बचाव भी बेहतर होगा। इसमें पहली बार डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो इसे ज्यादा टिकाऊ और लंबे समय तक नया बनाए रखेगा।
फैब्रिक में 30% ज्यादा कॉटन, गर्मी में राहत का भरोसा
अब तक BSF की वर्दी में 50-50 फीसदी कॉटन और पॉलिएस्टर होता था। लेकिन अब इसमें 80% कॉटन, 19% पॉलिएस्टर और 1% स्पैन्डेक्स होगा। इससे ये ड्रेस गर्म इलाकों जैसे राजस्थान और नमी वाले इलाकों जैसे बंगाल और पंजाब के लिए ज्यादा मुफीद बन जाएगी। हल्का कपड़ा होने से हवा आसानी से पास होती है और जवानों को दिनभर की ड्यूटी में कम थकान होती है।
जवानों की फीडबैक से तैयार हुई ड्रेस
BSF के IG एमएल गर्ग ने बताया कि इस वर्दी को बनाने में दो साल का वक्त लगा। जवानों से लगातार फीडबैक लिया गया, अलग-अलग इलाकों में इसका ट्रायल किया गया और फिर कपड़ा विशेषज्ञों और डिजाइनरों की मदद से इसे फाइनल किया गया। ये वर्दी जवानों के मूवमेंट, पसीने की मात्रा और मौसम की मार को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
एक साल में पूरी फोर्स अपनाएगी नई वर्दी
IG गर्ग के मुताबिक, अगले 12 महीनों में पूरी BSF इस नई ड्रेस को अपना लेगी। बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अलग-अलग यूनिट्स को धीरे-धीरे नई वर्दी दी जा रही है। ये बदलाव सिर्फ यूनिफॉर्म तक सीमित नहीं है, ये जवानों के मनोबल, सुरक्षा और कार्यक्षमता को भी बढ़ाएगा। नई वर्दी जवानों को लंबे समय तक ड्यूटी पर सहज महसूस कराएगी और उन्हें ऑपरेशन के दौरान ज्यादा आत्मविश्वास देगी।

- BSF की नई वर्दी में डिजिटल कॉम्बैट प्रिंट, तीन रंगों का संयोजन – खाकी, हरा और भूरा।
- फैब्रिक में अब 80% कॉटन, जिससे गर्म और उमस वाले इलाकों में पहनने में होगी राहत।
- डिज़ाइन और टेक्सटाइल तैयार करने में लगे दो साल, जवानों के फीडबैक पर बना फाइनल मॉडल।
- पहली बार डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल, वर्दी को बनाएगा टिकाऊ और ऑपरेशन में कारगर।
- आने वाले 12 महीनों में पूरी BSF अपनाएगी नई वर्दी, जवानों का मनोबल और प्रदर्शन दोनों बढ़ेगा।