रविवार, जून 15, 2025
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मोहिनी एकादशी 2025: भगवान विष्णु के नारी रूप की पूजा, जीवन में आएगा सौभाग्य और सुख-शांति

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है, इस वर्ष 8 मई 2025 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि...

अमरनाथ में बाबा बर्फानी की पहली झलक, गुफा में उभरा 7 फीट का शिवलिंग, लाखों श्रद्धालुओं ने कराया एडवांस रजिस्ट्रेशन

कश्मीर घाटी की बर्फीली वादियों में स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा से इस साल बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर सामने आ चुकी है। शिवभक्तों के लिए यह खबर आस्था और उल्लास से भर देने वाली है, क्योंकि इस बार गुफा में बना बर्फ का शिवलिंग करीब 7 फीट ऊंचा है।

सीता नवमी कल, घर में सुख-शांति के लिए करें पूजा, मंदिरों में मनाया जाएगा प्राकट्योत्सव

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष को मनाई जाने वाली सीता नवमी इस बार 5 मई को मनाई जाएगी। नवमी तिथि की शुरुआत 5 मई को सुबह 7:35 बजे होगी और 6 मई को सुबह 8:38 बजे तक रहेगी।

बद्रीनाथ धाम के पट खुले, सबसे पहले हुई गणेश पूजा, अब चारों धाम की यात्रा शुरू

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह ठीक 6 बजे खोले गए, जिसके साथ ही चारधाम यात्रा 2025 का औपचारिक शुभारंभ हो गया। कपाटोद्घाटन की पावन घड़ी में मुख्य पुजारी (रावल) ने पहले गणेश पूजा कर भगवान बद्रीविशाल के दरवाजे खोले।

अतिचारी गुरु 2025 में लाएंगे बदलाव, कुछ राशि जातकों को मिलेगा निवेश का लाभ, नौकरी में तरक्की भी

इस महीने गुरु का राशि परिवर्तन मिथुन में होगा। यह परिवर्तन 14 मई को होगा। इस दिन से गुरु लगभग 5 महीने तक विशेष "अतिचारी चाल" में रहेंगे और 18 अक्टूबर को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। यह खगोलीय घटना केवल खगोल-आधारित नहीं है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक जीवन पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती है।

केदारनाथ धाम के पट खुले : पंचमुखी डोली पहुंचने पर हुई पूजा, इस साल 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना

चारधाम यात्रा के तहत शुक्रवार को केदारनाथ धाम के पट खुल गए। पंचमुखी डोली पहुंचने के बाद यहां विधि विधान से पूजा हुइ और फिर सवेरे सात बजे मंदिर के पट खुले। पट खुलते ही हजारों श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए और दर्शन किए। 

मई में बुद्ध पूर्णिमा, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती, भगवान नृसिंह का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा

मई 2025 का महीना भारतीय संस्कृति और अध्यात्म प्रेमियों के लिए विशेष महत्व लेकर आ रहा है। वैशाख और ज्येष्ठ महीनों का संयोग होने से यह समय धार्मिक अनुष्ठानों, पूजन विधियों और सामाजिक परंपराओं के लिहाज़ से अत्यंत समृद्ध रहेगा। इस महीने में जहां एक ओर भगवान बुद्ध और भगवान विष्णु के विविध रूपों की आराधना होगी, वहीं व्रत, उपवास और दान-पुण्य के अवसर भी मिलेंगे।

चार धाम यात्रा शुरू, गंगाजी और यमुनाजी की डोली पहुंचने के बाद विधि विधान से खुले गंगोत्री-यमनोत्री धाम के पट

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर आज से चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ हो गया। हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में शामिल इस यात्रा की शुरुआत के साथ ही देशभर से श्रद्धालुओं का सैलाब उत्तराखंड की ओर उमड़ पड़ा है। गंगाजी की डोली गंगोत्री धाम पर पहुंच गई है, जबकि यमुना जी की डोली कुछ देर बाद पहुंचेगी। इसके बाद विधि विधान से पूजा कर दोनों धाम के पट खोल दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम के पट करीब 10.57 बजे खुलेंगे जबकि यमुनोत्री धाम के पट 11.55 बजे खुलेंगे।

घर-कारोबार में मां लक्ष्मी को प्रसन्न रखना है तो अक्षय तृतीया पर भूलकर भी न करें ये काम

अक्षय तृतीया को सनातन संस्कृति में अमूल्य पुण्यफल देने वाला दिन माना गया है। यह पर्व न केवल देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष अवसर होता है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

अक्षय तृतीया पर जरुरतमंदों को करें दान, इन उपायों को अपनाने से मिलेगा विशेष लाभ

आज हिंदू पंचाग की सबसे लाभदायी और शुभ तिथि अक्षय तृतीया है। जिसमें कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त के किया जा सकता है। यह तिथि धर्म, सेवा, दान और आत्मिक उन्नति का प्रतीक है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।इस दिन समाज में दान, संयम और सद्भाव की भावना का संचार होता है।

गजकेसरी और सर्वार्थसिद्ध योग के साथ अक्षय तृतीया आज, दिनभर खरीदारी के मुहूर्त, समृद्धि के लिए करें दान पुण्य

हिंदू पंचांग के अनुसार आज (30 अप्रैल, मंगलवार) अक्षय तृतीया का पर्व है, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि ‘अबूझ मुहूर्त’ कहलाती है, यानी आज किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती।

गंगा सप्तमी 3 मई को, त्रिपुष्कर योग और पुष्य नक्षत्र के कारण मिलेगा विशेष लाभ

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन मनाई जाने वाली गंगा सप्तमी इस वर्ष 3 मई 2025 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा महाराजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न हाेकर पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। भारतीय संस्कृति में गंगा न केवल जल की स्रोत, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और धार्मिक एकता का प्रतीक मानी जाती है। गंगा सप्तमी की तिथि 3 मई को सवेरे 7:51 बजे से शुरू होगी और 4 मई को सुबह 07:18 बजे तक रहेगी।

वैशाख-ज्येष्ठ महीने में खान-पान का विशेष महत्व, शास्त्रों में बताया कैसा हो गर्मियों का भोजन

भारतीय जीवन शैली में ऋतुओं और महीनों का विशेष महत्व है। खास तौर पर खानपान को लेकर कई नियम  ऋतुओं के अनुसार शरीर और मन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। बात यदि मई माह की जाए तो इस दौरान भारतीय मास का वैशाख और ज्येष्ठ मास होता है। ऐसे में इस दौरान शरीर को ऐसे भोजन की आवश्यकता होती है जो गर्मी से बचाता हो और स्वस्थ रखता हो।

सोना-चांदी नहीं खरीद सकते तो अक्षय तृतीया पर इन चीजों को खरीदने से बढ़ेगा सौभाग्य

भारत में अक्षय तृतीया को ऐसे शुभ अवसर के रूप में देखा जाता है जब जीवन में नई शुरुआत और निवेश को अत्यंत फलदायी माना जाता है। 30 अप्रैल को पड़ने वाली इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का प्रचलन है। इस दिन सोना-चांदी खरीदने की परंपरा तो प्रसिद्ध है, लेकिन यदि आर्थिक सीमाएं हों, तो भी कई सरल विकल्प उपलब्ध हैं जिन्हें शुभ और समृद्धिदायक माना गया है।

नया घर बनकर तैयार है तो अक्षय तृतीया पर करें गृह प्रवेश, जीवन भर मिलेगा लाभ

अक्षय तृतीया का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। 'अक्षय' का अर्थ है – जो कभी क्षीण न हो। इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल स्थायी और बढ़ता हुआ माना जाता है। 2025 में अक्षय तृतीया का आयोजन 30 अप्रैल को किया जाएगा, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

अक्षय तृतीया पर खरीदें सोना-चांदी, हमेशा रहेगी समृद्धि, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का समय

अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ अवसर माना जाता है। इस वर्ष यह पावन पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है और यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। परंपरागत मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में अक्षय पुण्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

बेहद शुभ होता है अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना, घर में हमेशा देता है सुख समृद्धि

अक्षय तृतीया हिंदू पंचांग के अनुसार एक अत्यंत शुभ दिन है, जिसे खासकर सोने की खरीदारी के लिए जाना जाता है। इस दिन को लेकर धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, विशेषकर वह परंपरा जिसमें लोग सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, संपत्ति आदि की खरीदारी करते हैं।

अक्षय तृतीया पर बन रहा गज केसरी योग, इन 3 राशियों के लिए खुलेगा तरक्की और खुशियों का रास्ता

अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है। इस वर्ष यह तिथि एक ऐतिहासिक संयोग लेकर आ रही है, जब वृषभ राशि में चंद्रमा और गुरु के मिलन से गजकेसरी योग का अद्भुत निर्माण हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गजकेसरी योग को समृद्धि, सफलता और शुभ अवसरों का प्रतीक माना जाता है।

चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू: टोकन व्यवस्था से दर्शन होंगे सुगम, अब तक 20 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन

इस साल चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं। 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ इस पवित्र यात्रा का शुभारंभ होगा। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के द्वार श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे।

आज सतुवाई अमावस्या : पितरों के ध्यान, सूर्य पूजा, गंगा स्नान और दान से बढ़ेगी समृद्धि

आज (27 अप्रेल, रविवार) को अमावस्या है। वैशाख माह की इस अमावस्या के सतुवाई अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य पूजन, पितरों के तर्पण और सत्तू दान का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार और अमावस्या का संयोग अत्यंत पुण्यकारी होता है।

गंगा सप्तमी पर शिववास और रवियोग का विशेष संयोग, गंगाजल से शुद्धि और दान-पुण्य से मिलेगा मोक्ष का मार्ग

मां गंगा की पूजा का विशेष दिन यानी गंगा सप्तमी इस बार 3 मई को मनाई जाएगी। यह हिंदू पंचाग के अनुसार हर साल वैशाख शुक्ल सप्तमी पर आती है। इस बार गंगा सप्तमी पर तीन विशेष योग भी बन रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार गंगा सप्तमी पर त्रिपुष्कर योग, शिववास योग, रवियोग, और साथ ही पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का विशेष संयोग भी बन रहा है

सतुवाई अमावस्या 27 अप्रेल को, पितरों के लिए चावल से बने सत्तू का करें दान, सूर्य पूजा से मिलेगा विशेष फल

रविवार, 27 अप्रैल को वैशाख मास की अमावस्या है, जिसे सतुवाई अमावस्या कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से पितरों के प्रति श्रद्धा और पूजा का होता है। इस दिन पर पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य और पितरों के प्रति श्रद्धा की परंपराएँ निभाई जाती हैं। इस तिथि पर विशेष रूप से सूर्य पूजा की जाती है, क्योंकि सूर्य को रविवार का कारक ग्रह माना जाता है।

वरुथिनी एकादशी आज : भगवान विष्णु के वाराह रूप की होती है पूजा, सुख समृद्धि के लिए जरुर करें ये व्रत

आज वरुथिनी एकादशी है। यह एकादशी हिंदू पंचांग में वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की तिथि को आती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के वराह रूप की आराधना की जाती है, जो विशेष रूप से कष्टों को दूर करने और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है।

वरूथिनी एकादशी पर तुलसी पूजा से मिलेगा विशेष लाभ, भगवान विष्णु के साथ प्रसन्न होंगी मां लक्ष्मी

वैष्णव परंपरा में महत्वपूर्ण मानी जाने वाली वरूथिनी एकादशी इस वर्ष 24 अप्रैल 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी। यह व्रत वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है और भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

अक्षय तृतीय पर घर में लाना चाहिए सोना-चांदी, जानिए, किस राशि के लिए क्या रहेगा शुभ

हर वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला अक्षय तृतीया, इस बार 30 अप्रैल 2025 को पूरे देश में श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाएगा। इसे "अविनाशी फल" देने वाला दिन माना जाता है। ऐसा दिन जब किया गया हर शुभ कार्य, दान या निवेश कभी क्षीण नहीं होता।

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