रविवार, जून 15, 2025
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कोरोना के एक्टिव केस 7 हजार के पार, PM से मिलने से पहले RT-PCR टेस्ट जरूरी

देश में एक बार फिर कोरोना के मामले चिंताजनक रफ्तार से बढ़ रहे हैं। 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल एक्टिव केसों की संख्या 7121 तक पहुंच गई है। बीते सात दिनों में औसतन 400 नए केस प्रतिदिन सामने आए हैं।

केरल में फिलहाल सबसे ज्यादा 2223 सक्रिय मरीज हैं, जबकि महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक नए वैरिएंट से 74 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले मंगलवार को 6 मरीजों की मौत दर्ज की गई, जबकि केरल और महाराष्ट्र में 19-19 लोगों की जान जा चुकी है।

PM से मुलाकात से पहले टेस्ट जरूरी

कोविड केसों में बढ़ोतरी के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले मंत्रियों और अधिकारियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। सरकारी सूत्रों के हवाले से आई रिपोर्टों में कहा गया है कि यह निर्णय एहतियातन लिया गया है ताकि PMO स्तर पर किसी भी संभावित संक्रमण को रोका जा सके।

राज्य सरकारें एक्शन में, अलर्ट जारी

गुजरात, उत्तर प्रदेश, बंगाल, कर्नाटक और उत्तराखंड जैसे राज्य संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रख चुके हैं।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने लोगों से अपील की है कि बुखार, गले में दर्द या खांसी होने पर खुद को क्वारंटीन करें और सार्वजनिक जगहों से बचें।

केरल सरकार ने अस्पतालों में मास्क पहनना फिर से अनिवार्य कर दिया है। वहां कोविड जैसे लक्षण वाले सभी मरीजों की अनिवार्य जांच की जा रही है।
कर्नाटक के गुलबर्गा मेडिकल इंस्टीट्यूट में विशेष कोविड वार्ड बनाया गया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने भी अस्पतालों में मास्क और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।

चार नए वैरिएंट की पुष्टि

ICMR के अनुसार, देश में कोरोना के चार नए वैरिएंट LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सामने आए हैं। इनमें से NB.1.8.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन हैं, जो इसे अन्य वैरिएंट्स से अधिक संक्रामक बनाते हैं।

JN.1 इस समय भारत में सबसे आम वैरिएंट है, जो आधे से ज्यादा टेस्टिंग सैंपल में पाया गया है। WHO ने इन वैरिएंट्स को फिलहाल ‘निगरानी के तहत’ रखा है, लेकिन इन्हें गंभीर श्रेणी में नहीं रखा गया है।

अस्पतालों और टेस्टिंग को लेकर निर्देश

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को टेस्टिंग, मास्क, ऑक्सीजन सप्लाई और दवाओं की व्यवस्था को मजबूत करने को कहा है। जून 2023 की गाइडलाइंस को फिर से लागू किया जा रहा है, खासकर उन अस्पतालों में जहां इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण वाले मरीज आ रहे हैं।

देशभर में सतर्कता का माहौल है, लेकिन घबराने की नहीं, सावधानी बरतने की जरूरत पर ज़ोर दिया जा रहा है। सरकारों ने फिलहाल लॉकडाउन या किसी बड़ी पाबंदी की बात नहीं की है, पर निगरानी लगातार जारी है।

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