रविवार, जून 15, 2025
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डिजिटल सिग्नेचर से पहचान भी सुरक्षित और दस्तावेज़ भी मान्य, जानिए कैसे बनवाएं और कितना आता है खर्च

डिजिटल सिग्नेचर अब सिर्फ तकनीकी शब्द नहीं रहा, बल्कि आम लोगों की पहचान का एक महत्वपूर्ण और सुरक्षित तरीका बन गया है। सरकारी पोर्टलों से लेकर कंपनियों के जरूरी दस्तावेजों तक, डिजिटल सिग्नेचर ने दस्तावेज़ सत्यापन को आसान और भरोसेमंद बना दिया है। खासकर इनकम टैक्स रिटर्न, ई-फाइलिंग और कॉर्पोरेट मंत्रालय की वेबसाइट पर इसकी जरूरत बढ़ गई है।

डिजिटल सिग्नेचर कैसे बनवाएं? जानिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया

डिजिटल सिग्नेचर के लिए सबसे पहले आपको कंट्रोलर ऑफ सर्टिफाइंग अथॉरिटी से अधिकृत संस्था के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन करते समय निम्न जानकारियाँ देनी होती हैं:

  • आवेदक का पूरा नाम और पता
  • एक मान्य फोटो आईडी प्रूफ (जैसे – आधार कार्ड, पासपोर्ट)
  • एड्रेस प्रूफ (बिजली बिल, बैंक स्टेटमेंट आदि)
  • डिक्लेरेशन फॉर्म
  • GST नंबर (यदि व्यवसाय के लिए है)

सभी डॉक्यूमेंट्स को किसी अधिकृत अधिकारी (गजेटेड ऑफिसर/नोटरी आदि) से सत्यापित कराना जरूरी होता है। आवेदन स्वीकार होने के बाद आपका डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) जारी कर दिया जाता है।

कौन-कौन सी क्लास होती है डिजिटल सिग्नेचर की?

डिजिटल सिग्नेचर के लिए तीन क्लास होती हैं:

  • क्लास 1 – ईमेल, कम्युनिकेशन सत्यापन के लिए
  • क्लास 2 – इनकम टैक्स फाइलिंग, जीएसटी, कॉरपोरेट फाइलिंग के लिए
  • क्लास 3 – ई-टेंडरिंग, ई-ऑक्शन और उच्च स्तर की सुरक्षा वाले कार्यों के लिए

आपको अपनी जरूरत के अनुसार क्लास का चयन करना होता है।

डिजिटल सिग्नेचर बनवाने में कितना खर्च आता है?

डिजिटल सिग्नेचर का शुल्क इसकी वैधता अवधि और क्लास पर निर्भर करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार:

  • क्लास 2 DSC की कीमत ₹1000 से ₹1500 के बीच होती है।
  • क्लास 3 DSC की कीमत ₹1500 से ₹2500 तक हो सकती है।
  • सर्टिफिकेट की वैधता 1 से 3 साल तक होती है।
  • पेमेंट डिमांड ड्राफ्ट, चेक या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से किया जा सकता है।

देश में कई कंपनियाँ हैं जिन्हें डिजिटल सिग्नेचर जारी करने की अनुमति है, जैसे – eMudhra, Sify, NSDL, Capricorn आदि।

डिजिटल सिग्नेचर से जुड़े फायदे जो आम उपभोक्ताओं को जानने चाहिए

  • डिजिटल सिग्नेचर से किसी भी दस्तावेज़ की प्रामाणिकता बढ़ जाती है
  • इसकी नकल करना लगभग असंभव होता है
  • ऑनलाइन कामकाज में समय और संसाधन की बचत होती है
  • दस्तावेजों की लीगल वैलिडिटी सुनिश्चित होती है
  • पेपरलेस प्रोसेस को बढ़ावा मिलता है

डिजिटल युग में आपकी पहचान और दस्तावेज़ों की सुरक्षा पहले से कहीं अधिक मायने रखती है। डिजिटल सिग्नेचर अब एक जरूरी डिजिटल टूल बन चुका है, जो न सिर्फ सुविधा देता है, बल्कि आपकी निजी और व्यवसायिक पहचान को भी मजबूत करता है।

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