Monday, April 28, 2025
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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: फर्जी बीपीएल कार्डधारकों पर होगी कड़ी कार्रवाई, 20 अप्रैल तक खुद करें सरेंडर

हरियाणा सरकार ने फर्जी गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) कार्डधारकों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी शुरू कर दी है। बीते एक महीने में 1,609 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है। सरकार ने उन परिवारों को 20 अप्रैल तक का समय दिया है, जिनकी आय पात्रता से अधिक है, ताकि वे स्वेच्छा से बीपीएल कैटेगरी छोड़ दें।

फर्जी बीपीएल कार्ड धारकों पर गिरेगी गाज, सरकार ने दिया अल्टीमेटम

यदि कोई परिवार खुद को बीपीएल श्रेणी से बाहर नहीं करता और जांच में फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाएगा। दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा हो सकती है।

बीपीएल का गलत फायदा उठा रहे परिवारों पर नजर

बीपीएल कार्ड उन्हीं परिवारों को जारी किए जाते हैं, जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम होती है। लेकिन सरकार को संदेह है कि कई परिवारों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस योजना का लाभ लिया है।

कई मामलों में परिवारों ने अपनी वास्तविक आय छिपाकर या कागजी बंटवारा दिखाकर अलग-अलग बीपीएल कार्ड बनवा लिए हैं। सरकार अब ऐसे मामलों की गहन जांच कर रही है और पात्रता से अधिक आय वाले परिवारों के कार्ड रद्द किए जा रहे हैं।

सिरसा प्रशासन ने शुरू की सख्ती, फैमिली आईडी की मैपिंग जारी

हरियाणा के सिरसा जिले में प्रशासन ने सरकार के आदेशों का पालन शुरू कर दिया है। वहां उन लोगों की पहचान की जा रही है, जिनके पास फोर व्हीलर, खेती योग्य जमीन, या अन्य आय के स्त्रोत होने के बावजूद वे बीपीएल कार्डधारी हैं।

इसके अलावा, हाल ही में वोटर कार्ड में एडिटिंग कर वृद्धावस्था पेंशन लेने के तीन मामले भी सामने आए थे। अब नागरिक संशोधन सूचना विभाग चंडीगढ़ ने आदेश दिया है कि 20 अप्रैल तक परिवार पहचान पत्र (PPP) में सही जानकारी दर्ज कराई जाए।

20 अप्रैल के बाद होगी बड़ी कार्रवाई

सिरसा में 2.70 लाख बीपीएल कार्डधारक हैं, लेकिन प्रशासन को फर्जी कार्ड बनवाने वालों की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। जिला प्रशासन सर्वे कराकर सही आंकड़े इकट्ठा कर रहा है, ताकि वास्तविक रूप से पात्र लोग ही सरकारी लाभ ले सकें।

जिला परिषद के सीईओ और कार्यवाहक अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. सुभाष चंद्र के अनुसार, चंडीगढ़ मुख्यालय से स्पष्ट निर्देश जारी हुए हैं कि 20 अप्रैल के बाद फर्जी बीपीएल कार्डधारकों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

कौन-कौन से मामले में रद्द होगा बीपीएल कार्ड?

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी परिवार में निम्नलिखित में से कोई भी शर्त लागू होती है, तो उनका बीपीएल कार्ड रद्द कर दिया जाएगा:

  • परिवार के किसी भी सदस्य के नाम चार पहिया वाहन पंजीकृत हो।
  • परिवार का सालाना बिजली बिल 20,000 रुपये से अधिक हो।
  • वास्तविक आय से कम आय दर्ज करवाई गई हो।
  • सरकारी दस्तावेजों में कोई भी गलत जानकारी दी गई हो।

कैसे और कौन बना सकता है बीपीएल कार्ड?

हरियाणा में बीपीएल राशन कार्ड उन्हीं परिवारों को जारी किए जाते हैं जो राज्य के मूल निवासी हैं और जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम है। यह जानकारी परिवार पहचान पत्र में दर्ज और सत्यापित होनी चाहिए।

बीपीएल कार्ड के लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होती। खाद्य आपूर्ति विभाग परिवार पहचान पत्र में दर्ज आय के आधार पर सूची तैयार करता है।

जरूरी दस्तावेज:

  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता पासबुक
  • जाति प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • परिवार पहचान पत्र
  • बिजली बिल
  • पासपोर्ट साइज फोटो

सरकार के सख्त रुख से बढ़ी हलचल, गरीबों के लिए सही कदम या राजनीति?

सरकार के इस फैसले से फर्जी बीपीएल कार्डधारकों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं का लाभ सही और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाना है। लेकिन विपक्षी दल इसे राजनीति से प्रेरित कदम बता सकते हैं। अब देखना यह होगा कि 20 अप्रैल के बाद सरकार किस हद तक इस फैसले को लागू करती है और कितने फर्जी कार्डधारकों पर कानूनी कार्रवाई होती है।

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  1. फर्जी बीपीएल कार्डधारकों पर सख्त कदम – हरियाणा सरकार ने 20 अप्रैल तक स्वयं बीपीएल कार्ड सरेंडर करने की समय सीमा दी है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई होगी।
  2. 1609 परिवारों के कार्ड पहले ही रद्द – बीते एक महीने में सरकार ने पात्रता से अधिक आय वाले 1609 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया।
  3. सख्त जांच और सजा का प्रावधान – गलत दस्तावेजों से बीपीएल कार्ड बनवाने पर धोखाधड़ी का केस दर्ज होगा, दोषियों को दो साल तक की सजा हो सकती है।
  4. सिरसा प्रशासन की सख्ती – जिला प्रशासन ने फर्जी कार्डधारकों की पहचान के लिए फैमिली आईडी मैपिंग शुरू कर दी है, जिसमें संपत्ति और बिजली बिल की जांच हो रही है।
  5. सरकार की मंशा पर सवाल? – इस फैसले से जहां सही लाभार्थियों को फायदा मिलेगा, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक कदम बता सकता है।

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