हर साल जब तापमान आसमान छूने लगता है, तो लू यानी हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। यह शरीर के तापमान को असामान्य रूप से बढ़ा देता है और गंभीर मामलों में जानलेवा साबित हो सकता है। खासकर वे लोग जो खुले में काम करते हैं, बुजुर्ग, बच्चे और बीमारियों से जूझ रहे लोग इस स्थिति के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
लू से बचाव के लिए सिर्फ छांव में बैठना या ठंडी चीजें खाना पर्याप्त नहीं। कई छोटी-छोटी आदतें भी इस खतरे को बढ़ा देती हैं, जिन्हें समझना और उनसे बचना जरूरी है।
मसालेदार और तले-भुने खाने से बचाव
गर्मियों में भारी और मसालेदार भोजन शरीर में अंदरूनी गर्मी बढ़ाता है। इससे न सिर्फ शरीर का तापमान बढ़ता है, बल्कि पाचन तंत्र पर भी दबाव पड़ता है। यह अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करता है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होना आम बात है। इसलिए इस मौसम में फलों, हरी सब्जियों और हल्के भोजन को प्राथमिकता देना बेहतर रहता है।
कैफीन और शराब से बचें
चाय, कॉफी, और शराब जैसे पेय शरीर से पानी की मात्रा कम कर देते हैं। ये ड्रिंक यूरिन की मात्रा बढ़ाते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। गर्मियों में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है, इसलिए इनकी जगह पर नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी जैसे शीतल पेय पीना चाहिए।
दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर निकलना टालें
यह वक्त सूर्य की किरणें सबसे तीव्र होती हैं और सीधे शरीर पर पड़ती हैं। दोपहर के इस समय में बाहर निकलना लू लगने का सबसे बड़ा जोखिम होता है। अगर इस समय बाहर जाना अनिवार्य हो, तो हल्के, सूती कपड़े पहनें और सिर को अच्छी तरह से ढककर रखें। साथ ही, शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए लगातार पानी पीते रहें।
टाइट और सिंथेटिक कपड़ों से परहेज
गर्मी में टाइट और सिंथेटिक कपड़े पहनना शरीर को सांस लेने से रोकता है। इससे पसीना जमा होता है, जो शरीर की अंदरूनी गर्मी कम नहीं होने देता और लू लगने का खतरा बढ़ाता है। इसलिए सूती, हल्के और आरामदायक कपड़े पहनना सबसे सुरक्षित विकल्प है।
फास्ट फूड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ से बचें
फास्ट फूड और डिब्बाबंद उत्पादों में नमक और प्रिजर्वेटिव की अधिकता शरीर को डिहाइड्रेट कर देती है। ऐसे खाद्य पदार्थ गर्मियों में सेहत को कमजोर करते हैं और लू की संभावना को बढ़ाते हैं। इस मौसम में ताजा और पोषणयुक्त भोजन का सेवन करना जरूरी है।
लू के लक्षणों को समझें
सरदर्द, चक्कर आना, तेज बुखार, उल्टी, कमजोरी जैसी शिकायतें लू के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता लेना चाहिए।
गर्मी में लू से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना और अपनी दिनचर्या में बदलाव लाना जरूरी है। इससे शरीर को बचाया जा सकता है भीषण गर्मी की मार से।

- गर्मियों में मसालेदार, तले-भुने और भारी भोजन से शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे लू लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- कैफीन युक्त पेय और शराब शरीर से पानी की मात्रा घटाते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक की आशंका बढ़ती है।
- दोपहर 12 से 3 बजे के बीच सूरज की किरणें सबसे तेज होती हैं, इस समय बाहर निकलना लू का बड़ा कारण बन सकता है।
- टाइट और सिंथेटिक कपड़े पसीना सोख नहीं पाते और त्वचा को ठंडक नहीं मिलती, जिससे शरीर का तापमान और बढ़ता है।
- फास्ट फूड और डिब्बाबंद चीज़ों में नमक और प्रिज़र्वेटिव अधिक होते हैं, जो शरीर को डिहाइड्रेट कर लू के जोखिम को बढ़ाते हैं।