देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने इन इलाकों के लिए हीटवेव और लू का अलर्ट जारी किया है। यह स्थिति सिर्फ असहज ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन चुकी है।
गर्मी का यह प्रकोप न सिर्फ आम जनजीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और लू लगने जैसे मामलों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर इस मौसम में सतर्कता नहीं बरती गई तो यह जानलेवा साबित हो सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों के लिए जो लंबे समय तक धूप में रहते हैं या काम करते हैं।
🔥 क्या है हीटस्ट्रोक और क्यों है खतरनाक?
हीटस्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है और शरीर का थर्मोरेगुलेशन सिस्टम यानी खुद को ठंडा रखने की क्षमता फेल हो जाती है। इस दौरान व्यक्ति को तेज सिरदर्द, चक्कर, उल्टी, बुखार, कमजोरी, यहां तक कि बेहोशी तक आ सकती है।
यदि हीटस्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज किया गया, तो यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर असर डाल सकता है और समय पर इलाज नहीं मिलने पर यह जानलेवा भी बन सकता है।

☀️ गर्मी से सेहत को कैसे बचाएं: 7 जरूरी सावधानियां
- पानी की कमी न होने दें: पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो। नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ पिएं।
- 11 से 4 बजे तक धूप से बचें: इस समय सबसे अधिक गर्मी होती है। जरूरी हो तो छाता, टोपी, और गॉगल्स का उपयोग करें।
- हल्का और ताजा खाना खाएं: ज्यादा तला-भुना और गर्म खाना परहेज करें। मौसमी फल जैसे- तरबूज, खरबूजा, खीरा का सेवन करें।
- ढीले और सूती कपड़े पहनें: शरीर को ढकने वाले, हल्के और सांस लेने योग्य कपड़े पहनना बेहतर होता है।
- घर ठंडा रखें: खिड़कियों पर पर्दे लगाएं, कमरे में हवा का संचार बनाए रखें और अगर संभव हो तो कूलर या पंखे का प्रयोग करें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें: इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए इन्हें धूप से दूर रखें।
- लक्षणों को गंभीरता से लें: सिर दर्द, चक्कर, उल्टी, त्वचा का लाल या सूखा होना, बुखार आदि लक्षण दिखें तो तुरंत आराम दें और चिकित्सा सलाह लें।

📛 किन्हें है सबसे ज्यादा खतरा?
- खेतों, निर्माण स्थलों या खुले में काम करने वाले मजदूर
- 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे
- हृदय रोग, डायबिटीज या बीपी से पीड़ित लोग
- स्कूली बच्चे और कॉलेज जाने वाले युवा
📢 सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
गर्मी कोई आम मौसमी बदलाव नहीं रह गई है, यह अब स्वास्थ्य का संकट बन चुकी है। हर साल सैकड़ों लोग हीटवेव की चपेट में आकर अस्पताल पहुंचते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम सतर्कता बरतें और अपनी दिनचर्या को मौसम के अनुकूल ढालें। हीटवेव के समय खुद को सुरक्षित रखना केवल विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। थोड़ी सी सावधानी जीवन को बचा सकती है।
