रविवार, जून 15, 2025
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युद्ध जैसी स्थिति में बनें जिम्मेदार नागरिक, अफवाहों से बचें, हो सकती है कानूनी कार्रवाई

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। युद्ध की आशंका और तेज हो गई है। हालात को देखते हुए सरकार और रक्षा मंत्रालय अलर्ट मोड में हैं।

इस युद्ध जैसे माहौल में हर नागरिक की भूमिका अहम हो जाती है। कई ऐसे क़ानूनी प्रावधान हैं, जिनका पालन न करने पर जेल की सजा तक हो सकती है। आइए जानते हैं कि ऐसी स्थिति में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:

1. सरकार और सेना के निर्देशों का करें सख्ती से पालन

यदि वॉर इमरजेंसी घोषित की जाती है तो नागरिकों को सभी निर्देशों का पालन करना होता है। नियमों की अनदेखी करने वालों पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है। इस स्थिति में अफवाहें फैलाना या सार्वजनिक रूप से नफरत फैलाना गंभीर अपराध बन जाता है।

2. सेना के खिलाफ अफवाह फैलाने से बचें

अगर कोई व्यक्ति यह दावा करता है कि सेना हार रही है या दुश्मन ने किसी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, तो यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 197(1) के तहत दंडनीय है। ऐसे बयानों से न केवल सैनिकों का मनोबल गिरता है, बल्कि दुश्मन देश को फायदा मिल सकता है।

3. सोशल मीडिया पर न करें सैन्य गतिविधियों का खुलासा

सेना की मूवमेंट या डिप्लॉयमेंट की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करना गोपनीयता का उल्लंघन माना जाता है। ऐसा करने पर व्यक्ति के खिलाफ Official Secrets Act के तहत कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जेल की सजा भी शामिल है।

4. दुश्मन देश के समर्थन से बचें, हो सकती है उम्रकैद

यदि कोई व्यक्ति युद्ध के समय दुश्मन देश की तारीफ करता है या उनके प्रचार में शामिल होता है, तो उसे भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत देशद्रोह माना जाएगा। यह गंभीर अपराध है, जिसकी सजा उम्रकैद तक हो सकती है।

5. संकट के समय अफवाहों और झूठी खबरों से दूर रहें

युद्ध जैसी स्थिति में लोगों के बीच डर और भ्रम फैलाने वाली खबरें न केवल जनता को गुमराह करती हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं। इसलिए किसी भी खबर को बिना पुष्टि के न फैलाएं और केवल सरकार या सेना द्वारा जारी की गई जानकारी पर ही भरोसा करें।

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