रविवार, जून 15, 2025
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अंतरिक्ष यात्रा से पहले शुभांशु शुक्ला क्वारंटीन में, एक्सिओम मिशन को बताया ‘मील का पत्थर’

भारतीय वायुसेना के अनुभवी फाइटर पायलट शुभांशु शुक्ला अब अंतरिक्ष के सफर पर निकलने से एक कदम दूर हैं। अमेरिका के एक्सिओम मिशन 4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होने से पहले उन्होंने अन्य तीन एस्ट्रोनॉट्स के साथ आधिकारिक तौर पर क्वारंटीन में प्रवेश कर लिया है।

यह प्रक्रिया अंतरिक्ष मिशन की अहम तैयारी मानी जाती है, जिसका उद्देश्य मिशन से पहले हर क्रू मेंबर को संक्रमण से बचाना और उनकी सेहत को सुनिश्चित करना होता है। शुभांशु का मानना है कि यह मिशन कमर्शियल स्पेस फ्लाइट की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

चार देशों के एस्ट्रोनॉट्स का साझा मिशन

एक्सिओम 4 मिशन में चार अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉट शामिल हैं, जिनमें भारत के शुभांशु शुक्ला, पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की, हंगरी के टिबोर कापू और अमेरिका की अनुभवी एस्ट्रोनॉट पैगी व्हिटसन शामिल हैं।

यह मिशन 8 जून को अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। सभी एस्ट्रोनॉट स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए अंतरिक्ष की ओर रवाना होंगे। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक रिसर्च, तकनीकी परीक्षण और भविष्य के कमर्शियल स्पेस स्टेशन की दिशा में तैयारी करना है।

लखनऊ के शुभांशु शुक्ला का सफर: स्कूल से लेकर आसमान तक

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला की शुरुआती शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज से हुई। पढ़ाई के बाद उन्होंने NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) क्लियर किया और वहीं से ग्रेजुएशन पूरी की।

2006 में उन्होंने भारतीय वायुसेना की फाइटर विंग जॉइन की और आज वे एक अनुभवी फाइटर और टेस्ट पायलट हैं। वे सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे कई युद्धक विमानों को उड़ा चुके हैं। उनके पास 2,000 से अधिक फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है।

क्या है Ax-4 मिशन का उद्देश्य

एक्सिओम 4 मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में विज्ञान और तकनीक से जुड़े नए प्रयोग करना है। यह मिशन स्पेस टूरिज्म और प्राइवेट स्पेस फ्लाइट्स को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

अंतरिक्ष में यह 14 दिन का मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर चलेगा, जहां माइक्रो ग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे। यह प्रयास भविष्य में Axiom Station नामक एक कमर्शियल स्पेस स्टेशन के निर्माण की नींव माने जा रहे हैं।

जानिए क्या है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)

ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी की कक्षा में स्थापित एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला है, जहां वैज्ञानिक और एस्ट्रोनॉट्स माइक्रो ग्रैविटी में विभिन्न प्रयोग करते हैं।

यह स्टेशन हर 90 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करता है और 28,000 किमी/घंटे की रफ्तार से चलता है। इसे 5 प्रमुख स्पेस एजेंसीज़ ने मिलकर तैयार किया है और इसका पहला भाग नवंबर 1998 में लॉन्च हुआ था।

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