ठंडी सी सुबह थी। न्यू यॉर्क एयरपोर्ट के टर्मिनल पर हलचल थी, जैसी हर बड़े अमेरिकी हवाई अड्डे पर होती है। उसी भीड़ में एक युवा भारतीय छात्र भी था- शायद पहली बार अमेरिका की ज़मीन छूने वाला। पर उसकी उम्मीदों की उड़ान, चंद घंटों में हथकड़ियों की गिरफ़्त में तब्दील हो गई।
भारतीय मूल के अमेरिकी बिज़नेसमैन कुणाल जैन की नज़र उस पर पड़ी। जैन के मुताबिक, लड़का हरियाणवी में कह रहा था, “मैं पागल नहीं हूं, ये लोग मुझे पागल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।” ये बयान अकेले में कुछ नहीं लगता, लेकिन जब वीडियो में दिखा कि छात्र को ज़मीन पर पटका जा रहा है और फिर हथकड़ी पहनाकर खींचा जा रहा है, तो कहानी डरावनी हो गई।
वीडियो के मुताबिक, छात्र डरा हुआ था, लगातार रो रहा था। उसे उसी दिन शाम की फ्लाइट से भारत डिपोर्ट कर दिया गया। अब तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि उस छात्र ने किस नियम का उल्लंघन किया या उसने कैसे “अवैध एंट्री” की थी।
अमेरिका ने क्या कहा बयान में?
घटना के तूल पकड़ने के बाद भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने मंगलवार को बयान जारी किया। उन्होंने सीधे शब्दों में कहा—”अमेरिका में अवैध एंट्री, वीज़ा का दुरुपयोग और किसी भी तरह के कानून उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दूतावास का बयान था, “हम वैध यात्रियों का स्वागत करते हैं। लेकिन अगर कोई गैरकानूनी तरीके से आता है, तो अमेरिका में उसके लिए कोई जगह नहीं।”
हर दिन 3-4 ऐसे मामले?
कुणाल जैन यहीं नहीं रुके। उन्होंने दावा किया कि न्यू यॉर्क एयरपोर्ट जैसे बड़े हब पर हर दिन 3-4 भारतीय छात्रों को बिना स्पष्ट कारण के डिपोर्ट किया जा रहा है। कुछ तो सुबह की फ्लाइट से आते हैं और शाम को बंधे हुए वापस भेज दिए जाते हैं। “मुजरिमों जैसा बर्ताव”, यही शब्द उन्होंने पोस्ट में इस्तेमाल किया।
उनकी अपील सीधी थी—भारत सरकार को सामने आना चाहिए। विदेश मंत्री एस. जयशंकर से लेकर अमेरिकी भारतीय दूतावास तक, उन्होंने सभी से छात्र के हालात जानने और दखल देने की गुज़ारिश की।
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
घटना के सामने आते ही कांग्रेस भी कूद पड़ी। X पर पार्टी ने तीखा बयान जारी किया—”अमेरिका में भारतीयों के साथ लगातार अपमानजनक व्यवहार हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी चुप हैं।”
पार्टी ने लिखा, “यह वक्त चुप्पी का नहीं, अपने लोगों के साथ खड़े होने का है। ट्रम्प प्रशासन से सीधा संवाद ज़रूरी है।”
भारतीय दूतावास का जवाब
न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने थोड़ी संजीदगी दिखाई। उन्होंने कहा, “हम स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और भारतीय नागरिकों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।” हालांकि, यह बयान अभी तक बहुत सामान्य और औपचारिक माना जा रहा है।
अमेरिकी नीति में बदलाव की बयार
यह मामला अचानक नहीं उठा है। बीते कुछ हफ्तों में अमेरिका ने विदेशी छात्रों के प्रति अपना रवैया कड़ा कर लिया है। स्टूडेंट वीजा इंटरव्यू पर रोक लगाई गई है। वीजा रद्द करने की घटनाएं बढ़ी हैं।
फिलिस्तीन समर्थन, सोशल मीडिया पोस्ट, ट्रैफिक उल्लंघन- छोटी-बड़ी वजहों से छात्रों को रोकना आम हो गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दो हफ्ते पहले एक सख्त आदेश में कहा-“स्टूडेंट वीज़ा अपॉइंटमेंट तुरंत रोक दिए जाएं।”
उनका मकसद साफ था-अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ में यहूदी विरोध और वामपंथी विचारों के फैलाव पर रोक।
सोशल मीडिया पर गूंज रहा मामला
इस पूरी घटना का सबसे प्रभावी पहलू रहा-वीडियो। जैन द्वारा शेयर किया गया क्लिप अब तक हज़ारों बार देखा जा चुका है। इसने एक बार फिर सोशल मीडिया को उस ज़मीनी हकीकत से रूबरू कराया है, जो अक्सर आंकड़ों के पीछे छिपी रह जाती है।
इस मामले में जो भी सच सामने आए, एक बात तय है- अमेरिका की नई वीजा नीति और प्रवासी छात्रों की हकीकत अब पहले से कहीं ज़्यादा सतह पर दिखने लगी है।

- न्यूअर्क एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र को अमेरिकी अधिकारियों ने जमीन पर पटका, हथकड़ी लगाई और डिपोर्ट कर दिया।
- घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें छात्र हरियाणवी में रोते हुए अपनी स्थिति समझा रहा था।
- भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिका अवैध एंट्री बर्दाश्त नहीं करेगा और वैध यात्रियों का स्वागत करेगा।
- भारतीय बिज़नेसमैन कुणाल जैन ने दावा किया कि हर दिन 3-4 भारतीय छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है, जिसे लेकर चिंता जताई गई।
- कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीयों के अपमान पर सरकार चुप है और ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।