रविवार, जून 15, 2025
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मंगोलिया में हरियाणा की बेटियों का दबदबा, तीसरी रैंकिंग सीरीज में भारत को दो गोल्ड दिलाए अंतिम पंघाल और हर्षिता मोर ने

हिसार की अंतिम पंघाल और हर्षिता मोर ने मंगोलिया में जारी तीसरी रैंकिंग सीरीज में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अंतिम पंघाल ने 53 किलो भारवर्ग में अपने प्रतिद्वंदी को 10-0 से मात दी, जबकि हर्षिता मोर ने 72 किलो वर्ग में 14-4 से जीत हासिल की। यह जीत न केवल दोनों पहलवानों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।

संघर्ष से प्रेरित अंतिम पंघाल की जीत की कहानी

भगाना गांव की रहने वाली अंतिम पंघाल की सफलता के पीछे उनके पिता का बड़ा संघर्ष है। जब अंतिम को उचित कोचिंग नहीं मिली, तब उनके पिता ने गांव छोड़कर हिसार आकर किराये के मकान में रहकर बेटी का सपनों को साकार किया। आज अंतिम पंघाल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप, अंडर-20 एशियन चैंपियनशिप सहित कई बड़े टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा है।

हर्षिता मोर की लगातार बढ़ती कुश्ती की धाक

2019 में कुश्ती शुरू करने वाली हर्षिता मोर ने कम समय में बेहतरीन मुकाम हासिल किया है। वे सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुकी हैं और वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक भी उनके नाम है। मंगोलिया में जीत कर हर्षिता ने अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

कोचों की मेहनत का फल

दोनों पहलवानों को कोच सियानंद दहिया, सुनील ढुल, कृष्ण पूनिया, कृष्ण लांबा, संजू जाखड़ और सुखविंदर कौर की ओर से बधाई मिली है। कोच नांदल ने बताया कि अंतिम और हर्षिता ने अपने फाइनल मुकाबलों में दमदार प्रदर्शन किया। यह चैंपियनशिप 29 मई से 1 जून तक चली, जिसमें दोनों ने अपना जलवा दिखाया।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर बनाई पहचान

अंतिम पंघाल और हर्षिता मोर की यह सफलता न केवल भारतीय कुश्ती के लिए बड़ी उपलब्धि है, बल्कि युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। इनके संघर्ष और मेहनत से साफ होता है कि सही दिशा और प्रयास से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।

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