रविवार, जून 15, 2025
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भारत का इतिहास 12 जून: कोर्ट ने किया इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द, बाल श्रम पर लिया गया मजबूत फैसला, इस तारीख ने देखे कई निर्णायक मोड़

12 जून भारतीय इतिहास की उन खास तारीखों में से एक है, जब सत्ता, समाज और संस्कृति के अलग-अलग गलियारों में निर्णायक मोड़ आए। यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि घटनाओं, निर्णयों और स्मृतियों की एक सजीव धरोहर है, जिसने देश और दुनिया की दिशा को प्रभावित किया।

सबसे पहले याद आता है साल 1975 का वो दिन, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 1971 के लोकसभा चुनाव को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा के इस ऐतिहासिक फैसले ने देश को बताया कि सही को सही बोलने के लिए न्यायपालिका में कितनी ताकत है।।

वहीं 2002 में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह तारीख ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ के रूप में स्थापित हुई। इस दिन ने बच्चों के अधिकार, शिक्षा और गरिमापूर्ण जीवन की चर्चा को वैश्विक विमर्श में प्रमुखता दी। भारत जैसे देशों के लिए यह दिन एक दर्पण बना, जिसमें समाज ने अपने नैतिक दायित्वों का सामना किया।

यह लेख ‘भारत का इतिहास’ और ‘12 जून के ऐतिहासिक घटनाएं’ जैसे कीवर्ड्स के संदर्भ में न केवल जानकारी देता है, बल्कि उस गहराई को भी सामने लाता है, जो इस तारीख को सिर्फ अतीत नहीं, बल्कि वर्तमान से जोड़ती है।

प्रमुख घटनाएं

  • 1975: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निर्वाचन निरस्त किया। न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा ने अपने फैसले में उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का दोषी ठहराया, जिससे देश में संवैधानिक संकट की स्थिति बनी और कुछ ही समय बाद आपातकाल की घोषणा हुई।
  • 2002: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ के रूप में पहली बार 12 जून को मनाया गया। इसका उद्देश्य दुनिया भर में बाल श्रमिकों की दुर्दशा पर प्रकाश डालना और इसके उन्मूलन के लिए प्रयास करना है।
  • 1761: भरतपुर के शासक राजा सूरज मल ने मुग़ल और रोहिला सेनाओं को हराकर आगरा किले पर अधिकार कर लिया। यह घटना क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बड़ा परिवर्तन लाई।
  • 1998: परमाणु परीक्षणों के बाद G-8 देशों ने भारत और पाकिस्तान को आर्थिक सहायता से इनकार कर दिया। यह वैश्विक कूटनीति में दक्षिण एशिया की स्थिति को बदलने वाला क्षण था।
  • 2001: भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा विवादों को लेकर औपचारिक वार्ताएं शुरू हुईं, जो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक नई पहल के रूप में देखी गईं।

आज हमने इन्हें खो दिया

  • 1976: संस्कृत के विद्वान, गूढ़ दार्शनिक और तांत्रिक परंपरा के प्रणेता गोपीनाथ कविराज का निधन हुआ। उनका शोध कार्य आज भी दर्शन और भारतीय अध्यात्म के क्षेत्र में मूल ग्रंथों की तरह पढ़ा जाता है।
  • 2000: मराठी साहित्य और रंगमंच के लोकप्रिय हस्ताक्षर पु. ल. देशपांडे का निधन। उनके व्यंग्य और मानवीय लेखन ने महाराष्ट्र की साहित्यिक आत्मा को नई ऊर्जा दी।
  • 2003: विश्वविख्यात अमेरिकी अभिनेता ग्रेगरी पेक ने इसी दिन दुनिया को अलविदा कहा। उन्होंने ‘To Kill a Mockingbird’ जैसी क्लासिक फिल्मों से अभिनय और सामाजिक चेतना को जोड़ दिया था।
  • 2015: भारत के प्रसिद्ध फोल्क आर्टिस्ट नेक चन्द सैनी, जिन्होंने चंडीगढ़ के ‘रॉक गार्डन’ को जीवन भर के समर्पण से रचा, का निधन हुआ।
  • 2017: तेलुगु के प्रसिद्ध कवि और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित सी. नारायण रेड्डी का निधन। उन्होंने तेलुगु साहित्य को आधुनिक चेतना और भाषायी सौंदर्य से समृद्ध किया।

जन्मदिन

  • 1929: जर्मन यहूदी किशोरी ऐनी फ्रैंक का जन्म हुआ, जिन्होंने नाज़ी जर्मनी के अत्याचारों को अपनी डायरी में दर्ज किया। उनकी कृति ‘The Diary of a Young Girl’ आज भी विश्व साहित्य का एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है।
  • 1935: हिंदी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री श्यामा का जन्म हुआ। उनके यादगार किरदार आज भी क्लासिक सिनेमा के खजाने में शामिल हैं।
  • 1957: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जन्म। उन्होंने कृषि और ग्रामीण विकास जैसे महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व किया।
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