Monday, April 28, 2025
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दिल्ली में हनुमान बेनीवाल के बेटे के जन्मदिन पर जुटे सियासी दिग्गज, नितिन गडकरी ने दी सलाह- कुछ भी बनना, नेता मत बनना

दिल्ली के एक होटल में 25 मार्च को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने बेटे आशुतोष का जन्मदिन मनाया। यह कोई साधारण आयोजन नहीं था, बल्कि इसमें राजनीति के दिग्गज चेहरे शामिल हुए। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान, केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी जैसे कई बड़े नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस भव्य समारोह के दौरान एक दिलचस्प घटना घटी, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हनुमान बेनीवाल के बेटे को आशीर्वाद देते हुए एक अनोखी सलाह देते नजर आ रहे हैं।

“कुछ भी बनना, नेता मत बनना” – गडकरी की अनोखी सीख

वीडियो में गडकरी, आशुतोष से पूछते हैं – “अभी क्या कर रहे हो?” इसके बाद वे मुस्कुराते हुए कहते हैं – “बेटा, कुछ भी बनना, लेकिन नेता मत बनना।” उनके इस बयान पर वहां मौजूद सभी नेता और मेहमान ठहाके लगाकर हंसने लगे। यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और लोग इस पर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

राजनीति के कई दिग्गज जुटे, बेनीवाल ने साझा की तस्वीरें

हनुमान बेनीवाल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ (पहले ट्विटर) पर इस समारोह की तस्वीरें साझा कीं। इसमें अखिलेश यादव, नितिन गडकरी, चिराग पासवान, जयंत चौधरी, गिरिराज सिंह, रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां, रमेश बिधूड़ी, और चितौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी जैसे नेता नजर आए।

बेनीवाल ने इस पोस्ट के जरिए सभी मेहमानों को धन्यवाद दिया और बेटे आशुतोष को शुभकामनाएं देने के लिए आभार व्यक्त किया।

हनुमान बेनीवाल– बीजेपी से अलग होकर इंडिया गठबंधन तक का सफर

हनुमान बेनीवाल ने 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के समर्थन से नागौर सीट पर चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को 41,215 वोटों से हराकर दूसरी बार लोकसभा पहुंचे।

2019 में वे भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे और पहली बार सांसद बने थे। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून लाए जाने के बाद उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। 2024 चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस और उनकी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के बीच गठबंधन हुआ, जिसमें अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा जैसे बड़े नेताओं ने उनका समर्थन किया।

गडकरी की सलाह – मजाक या राजनीति पर तंज?

गडकरी के इस बयान को कई तरह से देखा जा रहा है। कुछ इसे हल्के-फुल्के अंदाज में मजाक मान रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति की मौजूदा स्थिति पर एक तंज के रूप में देख रहे हैं।

राजनीति में बढ़ती चुनौतियों, परिवारवाद और बदलते समीकरणों के बीच गडकरी की यह टिप्पणी निश्चित रूप से चर्चा का विषय बन गई है। अब देखना यह होगा कि इस पर खुद हनुमान बेनीवाल या विपक्षी दल क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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