रविवार, जून 15, 2025
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गुकेश ने किया कमाल, वर्ल्ड नंबर-1 कार्लसन ने हारने के बाद गुस्से में बोर्ड पर मुक्का मारा, बोले थे- मुझे हराने वाला कोई नहीं

नॉर्वे चेस टूर्नामेंट 2025 में भारत के युवा ग्रैंडमास्टर और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश ने इतिहास रच दिया। उन्होंने टूर्नामेंट के छठे राउंड में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल फॉर्मेट में हरा दिया। यह पहली बार है जब गुकेश ने क्लासिकल चेस में कार्लसन को मात दी है।

वर्ल्ड नंबर-1 कार्लसन को हारे

इस मुकाबले के बाद कार्लसन अपना गुस्सा रोक नहीं पाए और चेस बोर्ड पर जोर से मुक्का मार दिया जिससे सारे मोहरे बिखर गए। उन्होंने किसी से बातचीत किए बिना वहां से निकल गए। टूर्नामेंट में अब गुकेश 8.5 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं, जबकि कार्लसन और अमेरिका के फाबियानो कारुआना 9.5 अंकों के साथ पहले स्थान पर हैं।

कार्लसन की चुनौती का जवाब बिसात पर मिला

कुछ समय पहले तक कार्लसन दावा कर रहे थे कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो उन्हें हरा सके। उन्होंने कहा था कि वे इसीलिए वर्ल्ड चैंपियनशिप नहीं खेलते क्योंकि वहां उनका कोई मुकाबला नहीं है। इसके जवाब में गुकेश ने कहा था कि अगर मौका मिला तो वो चेस बोर्ड पर अपना जवाब देंगे। अब गुकेश ने वही किया।

गुकेश की पहली क्लासिकल जीत कार्लसन पर

इससे पहले दोनों खिलाड़ी टूर्नामेंट के पहले राउंड में भी आमने-सामने आए थे, जहां कार्लसन ने गुकेश को हरा दिया था। लेकिन इस बार गुकेश ने पूरी तैयारी के साथ वापसी की और क्लासिकल गेम में पहली बार कार्लसन को हराया।

कम उम्र में सबसे बड़ा कमाल कर चुके हैं गुकेश

गुकेश पिछले साल दिसंबर में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीत चुके हैं। उन्होंने सिंगापुर में खेले गए फाइनल में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर खिताब जीता था। यह मुकाबला 25 नवंबर से 11 दिसंबर तक चला था। 18 साल की उम्र में यह खिताब जीतने वाले गुकेश दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बने। इससे पहले 1985 में रूस के गैरी कास्पारोव ने 22 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।

ओलिंपियाड में भी दिलाया भारत को गोल्ड

2024 में बुडापेस्ट में हुए चेस ओलिंपियाड में गुकेश ने भारत को ओपन कैटेगरी में चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने फाइनल गेम जीतकर भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था।

चेस के फॉर्मेट को भी समझना ज़रूरी है

शतरंज के तीन प्रमुख फॉर्मेट होते हैं—क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज़। क्लासिकल सबसे गंभीर और रणनीति वाला फॉर्मेट होता है, जिसमें खिलाड़ियों को सोचने के लिए सबसे ज्यादा समय मिलता है। इसमें मुकाबले आमतौर पर कई घंटे चलते हैं। रैपिड और ब्लिट्ज़ में टाइम लिमिट कम होती है और गेम तेजी से खत्म होता है।

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  1. डी गुकेश ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट के छठे राउंड में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को हराया।
  2. क्लासिकल चेस में यह गुकेश की कार्लसन के खिलाफ पहली जीत है।
  3. मैच हारने के बाद कार्लसन गुस्से में आकर चेस बोर्ड पर मुक्का मार बैठे और मीडिया से बात किए बिना चले गए।
  4. इस जीत के बाद गुकेश टूर्नामेंट में 8.5 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।
  5. गुकेश इससे पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप और चेस ओलिंपियाड भी भारत के नाम कर चुके हैं।
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