भारत के पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में आज एक अनोखी और बेहद अहम मॉक ड्रिल हुई। इसे ‘ऑपरेशन शील्ड’ नाम दिया गया, जिसे गृह मंत्रालय के निर्देश पर किया गया। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में एक साथ ये अभ्यास हुआ। इसका मकसद था यह जांचना कि युद्ध या किसी बड़े हमले की स्थिति में प्रशासन, सुरक्षाबल और आम लोग मिलकर कैसे काम करेंगे।
इस दौरान जगह-जगह सायरन बजे, नकली धुएं से इमारतों को ढका गया, और घायल दिखाए गए लोगों को स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जाया गया। इसमें नागरिक सुरक्षा वॉर्डन, स्थानीय अफसर और युवा वालंटियर जैसे NCC, NSS, भारत स्काउट्स और गाइड्स को भी शामिल किया गया।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अलर्ट माहौल
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और डोडा जिले में मॉकड्रिल का नजारा बिल्कुल रियल जैसा दिखा। श्रीनगर के डीसी ऑफिस के बाहर अचानक सायरन गूंजा, लोग भागते नजर आए, स्ट्रेचर पर ‘घायल’ को ले जाया गया और अफसर इमरजेंसी प्लान एक्टिव करते नजर आए। डोडा में यह दूसरा अभ्यास था, जहां अतिरिक्त उपायुक्त अनिल कुमार ठाकुर ने कहा कि इस तरह की मॉकड्रिल हमारी तैयारियों का अहम हिस्सा हैं।
अमृतसर, पठानकोट, फाजिल्का जैसे ज़िलों पर खास फोकस
पंजाब के अमृतसर में मॉकड्रिल के दौरान कमांडेंट जसकरन सिंह ने बताया कि राज्य के छह जिले पाकिस्तान से लगते हैं, इसलिए वहां पर खतरा ज्यादा है। अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का जैसे इलाकों में विशेष तैयारी की गई। अभ्यास का उद्देश्य यही था कि अगर वाकई में कोई एयर अटैक हो या ड्रोन हमला हो जाए तो कैसे रिएक्ट करें।
ड्रोन और मिसाइल हमलों की नकली सिचुएशन
मॉकड्रिल के दौरान दुश्मन देशों के ड्रोन, मिसाइल और हवाई हमले जैसी स्थिति को रिक्रिएट किया गया। इसके लिए एयरफोर्स और सिविल डिफेंस कंट्रोल रूम के बीच हॉटलाइन एक्टिव की गई। चेतावनी के लिए तेज़ सायरन बजाए गए ताकि आम लोग अलर्ट हो सकें और सुरक्षित जगह पहुंच सकें।
ब्लैकआउट और सेफ्टी की प्रैक्टिस
इस अभ्यास में ब्लैकआउट की भी ट्रेनिंग दी गई। कैसे लाइट बंद होने पर घर में सुरक्षित रहा जाए, कैसे बेसमेंट या सुरक्षित एरिया में शिफ्ट हों, ये सब लोगों को समझाया गया। ऑपरेशन शील्ड का मकसद सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि असली हालातों से निपटने की पूरी तैयारी है।
युवाओं और वॉलंटियर का रोल रहा अहम
इस मॉकड्रिल में NSS, NYKS, स्काउट्स और गाइड्स जैसे युवा वॉलंटियर की भी अहम भागीदारी रही। उन्हें भी सिखाया गया कि आपदा या युद्ध जैसी स्थिति में किस तरह प्रशासन की मदद करें। ये युवा हर लेवल पर सपोर्ट देने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।

- ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत 6 राज्यों में मॉकड्रिल की गई, जो पाकिस्तान बॉर्डर से सटे हैं।
- श्रीनगर, डोडा, अमृतसर जैसे इलाकों में नकली एयर अटैक, मिसाइल और ब्लैकआउट की स्थितियां रिक्रिएट की गईं।
- नागरिक सुरक्षा के वॉर्डन, जिला प्रशासन और हजारों युवा वालंटियर इस अभ्यास का हिस्सा बने।
- मॉकड्रिल का मकसद युद्ध जैसी स्थिति में आम जनता और प्रशासन की तैयारी को परखना था।
- सायरन, स्ट्रेचर, धुआं और इमरजेंसी रिस्पॉन्स से असली हमले जैसी स्थिति को हूबहू दिखाया गया।