रविवार, जून 15, 2025
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विदेशों से लौटे सांसदों से पीएम मोदी ने ली मुलाकात, सांसद असदुद्दीन ओवैसी नहीं हुए शामिल, पाकिस्तान के झूठ उजागर करने के मिशन पर मिला अहम फीडबैक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को उन भारतीय सांसदों, पूर्व सांसदों और राजनयिकों से मुलाकात की जो हाल ही में एक अहम मिशन पर विदेश दौरे से लौटे हैं। इस डेलिगेशन का मकसद था पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की असलियत दुनिया के सामने लाना। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से हुए इस अभियान में शामिल नेताओं ने 33 देशों और यूरोपीय यूनियन की राजधानियों में जाकर भारत का पक्ष रखा। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी को फीडबैक दिया गया कि दुनिया कैसे भारत के रुख को समझ रही है। इस डेलिगेशन में सत्ता और विपक्ष दोनों के नेता शामिल थे, जिससे भारत की एकजुटता का संदेश गया।

प्रधानमंत्री मोदी को मिला मिशन का फीडबैक

प्रधानमंत्री मोदी ने उन सांसदों और पूर्व राजनयिकों से बातचीत की, जो पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में गए थे। इन प्रतिनिधिमंडलों ने पीएम को बताया कि वैश्विक स्तर पर भारत के मजबूत रुख को कैसे देखा गया और किस तरह से लोगों को पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बताया गया। इस बातचीत में मिशन की सफलता और आगे की रणनीति पर भी चर्चा हुई।

33 देशों और EU की राजधानियों में पहुंचा भारत का संदेश

इस मिशन में सात अलग-अलग डेलिगेशन शामिल थे, जिनमें 50 से ज्यादा लोग थे। इनमें ज्यादातर मौजूदा सांसद थे। इन सभी ने 33 विदेशी राजधानियों और यूरोपीय यूनियन का दौरा किया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत इन नेताओं ने स्थानीय सांसदों, राजनयिकों और मीडिया से मिलकर भारत का पक्ष रखा। केंद्र सरकार पहले ही इन प्रयासों की सराहना कर चुकी है।

सांसद असदुद्दीन ओवैसी नहीं हुए शामिल

एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा “मैं देश से बाहर हूं। मुझे मेडिकल इमरजेंसी के कारण दुबई जाना पड़ा। मेरे रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की तबीयत खराब होने के कारण मुझे अचानक जाना पड़ा। मैंने अपने प्रतिनिधिमंडल के नेता बैजयंत पांडा को इस बारे में सूचित कर दिया था।”

जयशंकर और मोदी दोनों ने की सराहना

विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही इन डेलिगेशन से मिल चुके हैं और उन्होंने भी इनकी मेहनत की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत की विदेश नीति को मजबूत करती है और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को सच्चाई बताने का जरिया बनती है। पीएम मोदी की इस मुलाकात से भी यही संदेश गया कि सरकार इस कोशिश को बेहद अहम मानती है।

सत्ता और विपक्ष दोनों साथ आए इस मिशन में

इस डेलिगेशन की खास बात यह रही कि इसमें केवल सत्ता पक्ष ही नहीं, बल्कि विपक्ष के भी नेता शामिल थे। बीजेपी के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, एनसीपी की सुप्रिया सुले, डीएमके की कनिमोझी, जेडी(यू) के संजय झा और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे ने अपने-अपने डेलिगेशन की अगुवाई की। AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद ने भी इस अभियान को मजबूती दी।

राष्ट्रीय एकता का संदेश ले गया डेलिगेशन

इस पूरी कवायद का सबसे बड़ा संदेश यही रहा कि भारत आतंकवाद के मसले पर एकजुट है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेता मिलकर विदेशों में भारत के हित की बात कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करने में मदद मिल रही है। पीएम मोदी की इस मुलाकात ने इस अभियान को और बल दिया है।

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  1. पीएम मोदी ने पाकिस्तान आतंकवाद पर वैश्विक स्तर पर काम कर रहे डेलिगेशन से मुलाकात की।
  2. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात डेलिगेशन ने 33 देशों और EU का दौरा किया।
  3. डेलिगेशन में सत्ता और विपक्ष दोनों के सांसद और पूर्व राजनयिक शामिल थे।
  4. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी पहले इन डेलिगेशन से मिलकर सराहना कर चुके हैं।
  5. मिशन का मकसद था भारत की एकजुटता दिखाकर पाकिस्तान को बेनकाब करना।
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