पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के खिलाफ एक बार फिर सिंधु जल संधि को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। एक टेलीविज़न इंटरव्यू में आसिफ ने दावा किया कि भारत जानबूझकर चिनाब नदी के पानी के बहाव को नियंत्रित कर रहा है और पाकिस्तान को जल संकट में धकेलने की कोशिश कर रहा है। उनका कहना था कि “भारत पारंपरिक युद्ध में पराजित हो चुका है, अब हम उसे जल युद्ध में भी हराएंगे।”
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद दोनों देशों के बीच संवाद पूरी तरह ठप है। हालात पहले ही तनावपूर्ण हैं और इस बयान ने स्थिति को और उलझा दिया है।
बैक-चैनल बातचीत से किया इनकार
ख्वाजा आसिफ ने यह भी साफ कर दिया कि भारत के साथ किसी भी किस्म की गुप्त या औपचारिक बातचीत इस समय नहीं हो रही है। यह टिप्पणी पाकिस्तान की उस नीति के उलट है जहां अक्सर पर्दे के पीछे बातचीत की संभावनाएं तलाशी जाती रही हैं। उनकी बातों से संकेत मिलता है कि इस्लामाबाद फिलहाल टकराव के रुख पर कायम है।
चार बार भेजे गए पत्र, फिर भी भारत अडिग
पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चार बार पत्र लिखकर चिनाब नदी में बहाव कम होने पर आपत्ति दर्ज कराई। इनमें से तीन पत्र ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भेजे गए। इन पत्रों में पाकिस्तान ने संधि के निलंबन के भारत के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की।
भारत ने फिर दोहराया सख्त रुख
24 अप्रैल को भारत ने आधिकारिक तौर पर सिंधु जल संधि को स्थगित रखने की अपनी मंशा पाकिस्तान को स्पष्ट कर दी। जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पत्र में लिखा कि “संधि का मूल आधार सद्भावना है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से इसे लगातार चुनौती दी जा रही है।” भारत ने दो टूक कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को “विश्वसनीय रूप से और अपरिवर्तनीय रूप से” नहीं त्यागता, तब तक किसी भी तरह की बातचीत संभव नहीं है।

- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू में भारत पर ‘जल युद्ध’ छेड़ने का आरोप लगाते हुए भड़काऊ बयान दिया।
- उन्होंने दावा किया कि भारत जानबूझकर चिनाब नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित कर रहा है, जिससे सिंधु जल संधि का उल्लंघन हो रहा है।
- यह बयान ऐसे वक्त आया जब भारत और पाकिस्तान के बीच सभी औपचारिक बातचीत बंद है, और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव और बढ़ा है।
- पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव ने भारत को चार औपचारिक पत्र भेजे, जिसमें जल समझौते पर पुनर्विचार की मांग की गई।
- भारत ने दो टूक जवाब दिया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का स्थायी रूप से त्याग नहीं करता, तब तक संधि या वार्ता संभव नहीं।