आंध्र प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री और साउथ सुपरस्टार पवन कल्याण ने तमिलनाडु सरकार और वहां के नेताओं पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब तमिल नेता हिन्दी का विरोध करते हैं, तो फिर उनकी फिल्में हिन्दी में डब कराकर करोड़ों रुपये क्यों कमाती हैं? उन्होंने इसे ‘पाखंड’ करार दिया और कहा कि देश को हिन्दी समेत सभी भाषाओं की जरूरत है।
हिन्दी विरोध, लेकिन बॉलीवुड से कमाई?
पवन कल्याण अपनी पार्टी जन सेना पार्टी के 12वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “तमिलनाडु के नेता हिन्दी का विरोध करते हैं, लेकिन उनकी फिल्में हिन्दी में डब होती हैं और वहां से पैसा भी कमाते हैं। वे बॉलीवुड से कमाई तो चाहते हैं, लेकिन हिन्दी भाषा को स्वीकार करने से परहेज करते हैं। ये कैसी दोहरी नीति है?”
कल्याण ने कहा कि भारत की विविध भाषाओं को संरक्षित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाषा को राजनीति का मुद्दा बनाने से देश को नुकसान होगा।
तमिलनाडु सरकार ने बदला रुपये का सिंबल, भाजपा का विरोध
तमिलनाडु सरकार ने 13 मार्च को पेश किए गए 2025-26 के राज्य बजट में एक बड़ा बदलाव कर दिया। सरकार ने रुपये (₹) के सिंबल को हटाकर उसकी जगह तमिल लिपि का ‘ரூ’ सिंबल इस्तेमाल किया। भाजपा ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे ‘हिन्दी विरोध’ से जोड़ते हुए एमके स्टालिन की सरकार को निशाने पर लिया।
भाजपा नेता बोले- DMK नेता के बेटे ने ही ₹ का सिंबल बनाया था
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने स्टालिन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया, “रुपये का सिंबल (₹) बनाने वाले व्यक्ति थिरु उदय कुमार तमिलनाडु के ही रहने वाले थे और वे एक DMK नेता के बेटे थे। जब पूरे देश ने इसे अपनाया, तो अब DMK सरकार इसे हटाने का नाटक क्यों कर रही है?”
तमिलनाडु में ट्राय लैंग्वेज पॉलिसी पर विवाद, संसद में हंगामा
तमिलनाडु में तीन भाषा नीति (Trilingual Policy) को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद लगातार बढ़ रहा है। राज्य की DMK सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) का विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने संसद में भी इस मुद्दे को उठाया, जिससे बजट सत्र में काफी हंगामा हुआ।
पहले दिन से ही DMK के सांसद शिक्षा नीति के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। वे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और हिन्दी को अनिवार्य करने की नीति का विरोध कर रहे थे।
भाषा विवाद से गहराई राजनीतिक खाई
तमिलनाडु में भाषा विवाद कोई नया मुद्दा नहीं है, लेकिन इस बार मामला ज्यादा गंभीर होता दिख रहा है। पवन कल्याण के बयान से इस बहस को और हवा मिल गई है। भाजपा और DMK के बीच यह टकराव अब संसद से लेकर सड़कों तक पहुंच चुका है। आगे देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और तमिलनाडु सरकार अपने फैसलों पर अडिग रहती है या नहीं।

- पवन कल्याण का बयान: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और अभिनेता पवन कल्याण ने तमिलनाडु के नेताओं पर हिंदी विरोध को लेकर निशाना साधा।
- भाषा विवाद: उन्होंने कहा कि तमिल नेता हिंदी का विरोध करते हैं, लेकिन तमिल फिल्में हिंदी में डब कराकर पैसे कमाते हैं।
- तमिलनाडु बजट विवाद: DMK सरकार ने 2025-26 के बजट में रुपये के ‘₹’ सिंबल को बदलकर तमिल लिपि ‘ரூ’ कर दिया, जिस पर भाजपा ने विरोध जताया।
- संसद में हंगामा: संसद के बजट सत्र के दौरान DMK सांसदों ने नई शिक्षा नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया, केंद्र सरकार पर आरोप लगाए।
- राजनीतिक बहस: NDA के सहयोगी पवन कल्याण ने कहा कि भारत की भाषाई विविधता को बचाने के लिए सभी भाषाओं का सम्मान जरूरी है।