तीन हफ्ते की कूटनीतिक यात्रा पूरी कर लौटे भारत के 59 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। यह बैठक औपचारिक नहीं थी, लेकिन अहम जरूर थी—खासकर ऐसे वक्त में जब भारत ने हालिया ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश दिया है। पीएम मोदी ने सभी डेलिगेशन सदस्यों के साथ रात्रिभोज साझा किया, जिसमें उनके अनुभवों को सुनने और वैश्विक प्रतिक्रिया को समझने पर फोकस रहा।
थरूर बोले—’हमने भारत की एकता दिखाई’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में अमेरिका, ब्राजील, पनामा, गुयाना और कोलंबिया से लौटे अंतिम डेलिगेशन ने दिल्ली एयरपोर्ट पर मीडिया से बात की। थरूर ने कहा, “हम जिस भी देश में गए, वहां भारत को लेकर गहरी संवेदना और समझ दिखी। हमने उन्हें बताया कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों जरूरी था और भारत की यह कार्रवाई कितनी संतुलित रही।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि केंद्र सरकार ने सभी दलों के सांसदों को भेजकर भारत की एकता को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट किया।
PM से मुलाकात का अंदाज़ अनौपचारिक रहा
शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से यह कोई औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि एक ‘हाई टी’ जैसा अनौपचारिक संवाद था, जहां सभी डेलिगेशन से घुलमिल कर बातें हुईं। थरूर बोले, “हम इस बात से खुश हैं कि पीएम हमसे मिलना चाहते हैं और देश के लिए किए गए इस सामूहिक प्रयास को मान्यता देते हैं।”
डेलिगेशन का नेतृत्व और स्वरूप
विदेश दौरों पर गए सात डेलिगेशन का नेतृत्व सात अलग-अलग दलों के सांसदों ने किया था—भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू के संजय कुमार झा, DMK की कनिमोझी, एनसीपी (SP) की सुप्रिया सुले, शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत शिंदे और कांग्रेस के शशि थरूर शामिल थे। कुल 33 देशों की यात्रा में इन प्रतिनिधियों के साथ 8 राजनयिक और 51 सांसद शामिल रहे।
दुनिया को दिए पांच ठोस संदेश
इस डेलिगेशन की यात्राओं का मुख्य उद्देश्य केवल संवाद नहीं, बल्कि भारत का आतंक के खिलाफ बदला हुआ और स्पष्ट रुख सामने रखना था। इन सांसदों ने जिन राष्ट्राध्यक्षों और विदेश मंत्रियों से मुलाकात की, वहां पांच प्रमुख संदेश दिए गए:
- आतंक पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
भारत ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ जवाबी हमला नहीं था, बल्कि एक ठोस नीति की अभिव्यक्ति थी—आतंक के हर ढांचे को निशाना बनाना। पाकिस्तानी सेना द्वारा इसे हमला मानने के बावजूद, भारत ने संयमित कार्रवाई की। - पाक का पर्दाफाश
डेलिगेशन के पास पाक प्रायोजित आतंकी संगठन TRF से जुड़ी सूचनाएं थीं, जिनमें पहलगाम हमले में उनकी संलिप्तता को स्पष्ट किया गया। पहले हुए हमलों का दस्तावेज़ी विवरण भी साझा किया गया। - जवाबदेह और संयमित भारत
भारत ने यह भी दिखाया कि कार्रवाई करते वक्त उसने निर्दोष नागरिकों को नुकसान न हो, इसका विशेष ध्यान रखा। जब पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय माध्यमों से सीजफायर की अपील की, तो भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। - दुनिया बोले एकजुट होकर
सांसदों ने इन देशों से अपील की कि वे आतंकवाद को केवल भारत-पाक संघर्ष के चश्मे से न देखें, बल्कि इसे वैश्विक संकट समझें और संयुक्त प्रयास करें। - पाक को लेकर नई नीति
भारत ने यह स्पष्ट किया कि अब वह केवल रक्षात्मक नहीं रहेगा। यदि सीमा पार से हमला हुआ, तो जवाब पहले ही स्तर पर दिया जाएगा। भारत अब प्रो-एक्टिव रवैया अपनाएगा।
जानिए, ऑपरेशन सिंदूर क्या था ?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट्स की नृशंस हत्या के बाद, भारत ने 7 मई को PoK और पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को एयरस्ट्राइक के जरिए तबाह किया। करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम की सहमति बनी।
कूटनीतिक अभियान का पहला चरण पूरा
सभी डेलिगेशन अब स्वदेश लौट चुके हैं और सरकार के साथ उनकी साझा रिपोर्टिंग का दौर शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, इन यात्राओं से प्राप्त फीडबैक को आने वाले दिनों में भारत की विदेश नीति और रणनीतिक सुरक्षा दृष्टिकोण में शामिल किया जाएगा। इस पहल को सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जहां सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने मिलकर भारत की संप्रभुता की आवाज दुनिया तक पहुंचाई।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 33 देशों की यात्रा कर लौटे 7 प्रतिनिधिमंडलों से मंगलवार शाम अनौपचारिक मुलाकात की।
- 59 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में 51 सांसद और 8 राजनयिक शामिल थे, जिन्होंने अमेरिका, ब्राज़ील, कोलंबिया जैसे देशों का दौरा किया।
- सांसदों ने वैश्विक मंचों पर भारत का आतंकी विरोधी रुख स्पष्ट किया और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की भूमिका के सबूत साझा किए।
- ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बताया गया कि भारत ने संयम के साथ ठोस सैन्य कार्रवाई की, जिसमें निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचा।
- पीएम मोदी के साथ हाई टी में सभी दलों के सांसदों ने अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए और भारत की रणनीतिक सफलता पर चर्चा की।