कई बार ट्रैवल करते हुए या अलग-अलग संस्कृतियों को करीब से देखकर मैंने नोटिस किया है। मां बनना हर जगह एक सा नहीं होता, लेकिन हर जगह एक बात कॉमन होती है: हार्मोनल चेंज।
नई मां की दुनिया बदलती है। हार्मोनल रोलर कोस्टर, नींद की कमी, थकान, और एक नन्हीं जान की ज़िम्मेदारी- सबकुछ एक साथ आता है। और इन सबके बीच, सबसे बड़ा बदलाव अक्सर रिश्तों में दिखता है।
“तुम पहले जैसी नहीं रहीं”- ये बात कई बार दिल को चुभती है
जब आप थकी हुई हों, हर दो घंटे में बेबी को फीड कर रही हों और खुद की बॉडी भी रिकवरी मोड में हो, तो रिलेशनशिप में पहले जैसा “स्पार्क” रहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
यह कोई कमी नहीं, बस एक ट्रांजिशन है। और अगर इस दौरान पार्टनर समझदारी से काम लें, थोड़ा सपोर्टिव हो, तो यह ट्रांजिशन ‘एक्ट ऑफ केयर’ में बदल सकता है।

इंटीमेसी का नया रूप
नई मां के लिए इंटीमेसी सिर्फ फिजिकल नहीं रह जाता। वो चाहती है- थोड़ी शांति, थोड़ी सराहना, और थोड़ा स्पेस।
डॉक्टर्स की सलाह है कि इस दौरान पार्टनर को चाहिए कि वह जल्दबाज़ी न करे। यह समय है इमोशनल बॉन्ड को गहरा करने का, नाज़ुक फेज़ को समझने का है। जैसे साथ बैठकर चाय पीना या कुछ मिनटों के लिए सिर्फ बातें करना।
रिश्तों को रीसेट करने का वक्त
यह फेज़ रिलेशनशिप को दोबारा जानने का मौका देता है। मैंने कई कपल्स को देखा है, जिन्होंने इस समय को समझने और सहयोग देने का ज़रिया बनाया। छोटी-छोटी बातें—“तुम ठीक हो?”, “थोड़ी देर सो लो, बेबी मैं देख लूंगा”—ये सब चीजें रिलेशनशिप को फिर से चमका देती हैं।
छोटे कदम, बड़ा फर्क
- एक-दूसरे की थकान को जज न करें, बल्कि हेल्दी लाइफ स्टाइल के छोटे-छोटे ट्रिक्स खोजें।
- रात को अगर नींद न मिले, तो सुबह 10 मिनट की ब्रीदिंग मेडिटेशन ट्राय करें।
लाइफस्टाइल टिप: ‘मम्मा’ बनना रुकना नहीं है, री-डिजाइन करना है
हो सकता है अब आप अपने पुराने फैशन ट्रेंड्स से न जुड़ पाएं, लेकिन कंफर्ट और क्लासी का बैलेंस ढूंढना भी तो एक नई स्टाइल है। घर को थोड़ा होम डेकोर टिप्स के हिसाब से शांत और पॉजिटिव बनाना- जैसे लाइट्स, ग्रीन प्लांट्स, या खुशबू वाली कैंडल्स मूड को बहुत फर्क देती हैं।
