भीषण गर्मी की तपिश के बीच, राजस्थान के आसमान में सोमवार को घिरे बादलों ने लोगों को राहत की सांस लेने का मौका दिया। करौली, सीकर और झुंझुनूं जैसे जिलों में दोपहर बाद हुई बारिश ने कई दिनों से चल रही लू और तेज़ धूप की तपिश को धीमा कर दिया।
राज्य के करौली और सीकर जिलों में जहां बारिश के साथ तापमान में गिरावट दर्ज की गई, वहीं झुंझुनूं के सिंघाना और आस-पास के इलाकों में करीब पंद्रह मिनट तक रुक-रुक कर बारिश हुई। मौसम की इस करवट से आम लोगों के चेहरे खिल उठे।
बीते चार दिनों से राजस्थान के कई हिस्सों में पारा चढ़ा हुआ था। झुलसाने वाली गर्मी और दोपहर की लू से लोग बेहाल थे। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, तापमान 44 डिग्री के पार जा चुका था, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा था।
किसानों को राहत, फसलों को फायदा
बारिश की पहली फुहारों ने सिर्फ मौसम को ही नहीं, बल्कि खेतों को भी संजीवनी दी। खरीफ फसलों की बुवाई से पहले आई इस वर्षा ने मिट्टी में नमी घोल दी है। किसानों की मानें तो यह बारिश मौसमी चक्र की दृष्टि से काफी फायदेमंद है। खेतों की सिंचाई का बोझ भी कुछ हद तक कम हो सकता है।
स्थानीय निवासी इस अनायास वर्षा को मानसून की दस्तक मान रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह प्री-मानसून गतिविधियों का हिस्सा है और आने वाले कुछ दिनों तक हल्की बारिश और बादल छाए रहने की संभावना बनी रहेगी।
आमजन को सुकून, मौसम हुआ नरम
जैसे ही बारिश शुरू हुई, बच्चों ने गलियों में दौड़ लगाई, दुकानदारों ने छतों पर बाल्टियाँ रखीं और घरों की खिड़कियाँ खुल गईं। यह नज़ारा बीते दिनों की तपिश को जैसे भूला देने वाला था। गर्म हवाओं के बीच आई यह बारिश लोगों के लिए राहत का पैग़ाम लेकर आई है।