राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने पिता राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर एक ऐसी पोस्ट साझा की, जिसमें भावनाएं खुलकर झलक रही थीं। “सबसे ज़्यादा उनकी मुस्कान याद आती है,”—यह एक लाइन थी, लेकिन उसमें एक बेटे का पूरा संसार बसा था।
सचिन ने लिखा—”25 साल पहले आज ही के दिन, वे हमें छोड़कर चले गए थे, लेकिन वे हमारी यादों और दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। एक लड़ाकू पायलट से लेकर जमीन से जुड़े राजनेता तक, उन्होंने हर भूमिका को बख़ूबी निभाया।”
— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 11, 2025
पुरानी तस्वीरों के साथ साझा की भावनाएं
सचिन ने अपने पिता की कुछ दुर्लभ तस्वीरों और वीडियोज़ के साथ एक वॉइस ओवर क्लिप भी साझा किया।
वीडियो में राजेश पायलट की आवाज़ सुनाई देती है—सीधी, साफ़, ज़मीनी। और सचिन ने लिखा—”मेरे पिता की जनसेवा, सच्चाई और साहस मेरे लिए सदैव प्रेरणा स्रोत रहेंगे।”
यह वीडियो केवल एक बेटे की श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि यह उस नेता की याद थी, जिसने हज़ारों दिलों में जगह बनाई।
गहलोत भी हुए भावुक
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मौके पर राजेश पायलट को याद किया। एक पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा, “मैं और राजेश पायलट 1980 में पहली बार साथ लोकसभा पहुंचे थे और लगभग 18 वर्षों तक एक साथ सांसद रहे। उनके आकस्मिक निधन का दुख आज भी बना हुआ है।”
उनके शब्दों में एक पुराने साथी का दर्द साफ झलकता था—वो कमी जो वक्त के साथ भी पूरी नहीं हो सकी। राजेश पायलट की कहानी किसी राजनीतिक वंश की चमकदार गाथा नहीं थी। वो एक जाट किसान का बेटा था, जिसने भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बनकर सेवा दी, फिर राजनीति की ओर रुख किया। उनकी जमीन से जुड़ी शैली, साफ ज़ुबान और बेबाक रवैया उन्हें आम नेताओं से अलग करता था।
आज जब सचिन पायलट सोशल मीडिया पर यह लिखते हैं कि “उनकी मुस्कान सबसे ज़्यादा याद आती है”, तो यह केवल एक व्यक्तिगत शोक नहीं, बल्कि उस नेता की विरासत को जीने की कोशिश है।
एक ऐसी विरासत, जो स्मृतियों से कहीं ज़्यादा जीवित है—हर उस गांव, हर उस किसान, हर उस युवा के दिल में, जिनकी आवाज़ बनने की उन्होंने कोशिश की थी।