बुधवार को हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बाजार ने हरे निशान में शुरुआत की। वैश्विक बाजारों में आई तेजी का असर घरेलू निवेश भावनाओं पर साफ नजर आया। सुबह करीब 9:15 बजे बीएसई सेंसेक्स 160 अंकों की मजबूती के साथ खुला, जबकि निफ्टी 24,550 के ऊपर कारोबार करता नजर आया।
हालांकि, इस शुरुआती तेजी के बीच Aditya Birla Fashion के निवेशकों को झटका लगा, क्योंकि इसके शेयर करीब 8% टूट गए। आज जिन शेयरों पर खास नजर रहेगी, उनमें एबी फैशन, टाटा टेक्नोलॉजीज, Indegene और Alkem Laboratories शामिल हैं।
बड़ी गिरावट से उबरने की कोशिश में बाजार
मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई थी। सेंसेक्स 636 अंक गिरकर 81,000 के करीब बंद हुआ था, जबकि निफ्टी भी 174 अंकों की गिरावट के साथ 24,542.50 पर बंद हुआ। इस गिरावट के पीछे दो बड़ी वजहें थीं – विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली और वैश्विक स्तर पर बढ़ती आर्थिक अनिश्चितताएं।
ऊर्जा, वित्त और आईटी सेक्टर के शेयरों में सबसे अधिक दबाव रहा, जिससे निवेशकों की पूंजी को बड़ा झटका लगा।
वॉल स्ट्रीट की मजबूती से एशियाई बाजारों में जोश
अमेरिकी बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने आज एशियाई बाजारों में तेजी का माहौल बनाया। Nvidia और अन्य चिप निर्माता कंपनियों के शानदार प्रदर्शन ने टेक शेयरों को नई ऊर्जा दी।
Dow Jones में करीब 200 अंकों की तेजी और Nasdaq में लगभग 1% की बढ़त दर्ज की गई। इससे भारतीय निवेशकों का भी भरोसा कुछ हद तक लौटा है, जो मंगलवार की गिरावट से डरे हुए थे।
आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक पर सबकी नजरें
आज से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो रही है। 6 जून को इस बैठक के नीतिगत फैसले सामने आएंगे। बाजार की उम्मीद है कि RBI लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो रेपो रेट 6% से घटकर 5.75% हो जाएगा।
इससे होम लोन और ऑटो लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है, जिससे आम उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम खासकर ऐसे समय में आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने में मददगार हो सकता है, जब महंगाई नियंत्रण में है और ग्रोथ को समर्थन की जरूरत है।
निवेशकों के लिए रणनीतिक सलाह
बाजार फिलहाल वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेश धाराओं और नीति संकेतों के बीच झूल रहा है। आज की तेजी के बावजूद निवेशकों को मौद्रिक नीति की घोषणाओं तक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
खासकर बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर पर असर दिख सकता है, यदि RBI नीतिगत दरों में बदलाव करता है। लंबी अवधि के निवेशक मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों पर ध्यान दें और शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स वोलैटिलिटी का ध्यान रखें।