भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। यह अब तक का सबसे बड़ा एनुअल सरप्लस ट्रांसफर होगा, जो पिछले वित्त वर्ष के ₹2.10 लाख करोड़ के मुकाबले करीब 28% ज्यादा है। इस फैसले को RBI के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 616वीं बैठक में मंजूरी दी गई।
सरप्लस ट्रांसफर का मतलब क्या होता है?
सरप्लस दरअसल RBI की आय और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसमें से जरूरी प्रावधान और रिटेन्ड अर्निंग निकालने के बाद बची राशि सरकार को ट्रांसफर कर दी जाती है। यह ट्रांसफर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 47 के तहत किया जाता है।
RBI की आय किन स्रोतों से होती है?
- घरेलू और विदेशी प्रतिभूतियों से ब्याज
- विदेशी मुद्रा लेनदेन से मुनाफा
- सेवाओं के लिए चार्ज और कमीशन
- सहायक कंपनियों से मिलने वाला रिटर्न
और खर्च?
- नोटों की छपाई
- ब्याज भुगतान
- कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन
- कार्यालय संचालन
- आकस्मिक प्रावधान व डेप्रिसिएशन
सरप्लस बढ़ने के पीछे क्या कारण हैं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बार सरप्लस में भारी बढ़ोतरी का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा भंडार से मिली मजबूत आय है। बीते वर्ष डॉलर की मांग और स्थिर एक्सचेंज रेट ने RBI की फॉरेक्स होल्डिंग्स को ज्यादा लाभकारी बनाया।
सरकार को किस तरह मिलेगा फायदा?
यह सरप्लस ट्रांसफर केंद्र सरकार के लिए वित्तीय घाटा कम करने में मददगार होगा। इससे सरकार को नई योजनाओं के लिए फंडिंग, सब्सिडी बैलेंस और अधूरे विनिवेश लक्ष्यों की भरपाई जैसे क्षेत्रों में सपोर्ट मिलेगा। यह ट्रांसफर वित्त वर्ष 2025 के लिए है, लेकिन इसे FY26 में सरकार की रसीदों में दर्ज किया जाएगा।

- भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है।
- यह राशि पिछले साल (₹2.10 लाख करोड़) के मुकाबले 28% अधिक है और अब तक का सबसे बड़ा सरप्लस ट्रांसफर है।
- सरप्लस ट्रांसफर की मंजूरी RBI की 616वीं सेंट्रल बोर्ड मीटिंग में दी गई।
- RBI की आमदनी में वृद्धि का कारण मुख्य रूप से फॉरेक्स होल्डिंग्स से मिली मजबूत कमाई है।
- यह राशि सरकार के राजकोषीय घाटे को कम करने, नई योजनाओं के फंडिंग और रेवेन्यू गैप भरने में सहायक होगी।