घरेलू शेयर बाजार ने सोमवार को हल्की कमजोरी के साथ कदम रखा। सवा नौ बजे BSE सेंसेक्स 0.15 % टूटकर 82,244 पर और NSE निफ्टी 0.08 % की मामूली बढ़त के बाद जल्दी ही 25,000 के नीचे फिसल गया। Infosys, TCS जैसी हैवीवेट IT कंपनियों में 1‑2 % दबाव ने सूचकांकों पर बोझ बढ़ाया, जबकि HDFC Bank, ICICI Bank और SBI जैसे बैंकिंग नामों में खरीदारी ने गिरावट को सीमित रखा।
पिछला बंद और ग्लोबल संकेत
शुक्रवार को सेंसेक्स 200 अंक गिरकर 82,330 पर और निफ्टी 42 अंक लुढ़ककर 25,019 पर बंद हुए थे। वीकेंड पर अमेरिकी क्रेडिट‑रेटिंग कटौती की खबर से Dow Jones 300 अंक कमजोर हुआ, जिसका असर एशियाई बाजारों पर भी दिखा।
FPI फ्लो: तीन महीने की शिकन के बाद रफ्तार पकड़ी
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार 1‑16 मई के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में 18,620 करोड़ रुपये झोंके—अप्रैल में आए 4,223 करोड़ रुपये से चार गुना ज़्यादा। इससे कैलेंडर‑ईयर 2025 की कुल शुद्ध निकासी घटकर 93,731 करोड़ रुपये रह गई। फरवरी‑मार्च की भारी बिकवाली के बाद यह लगातार दूसरा महीना है जब FPI खरीदारी कर रहे हैं। जियोजीत इन्वेस्टमेंट के वी के विजयकुमार का मानना है कि “मजबूत कॉर्पोरेट आय और स्थिर मैक्रोडेटा” विदेशी फंडों को लार्ज‑कैप में बॉटम‑फिशिंग के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
किन सेक्टर्स में मूवमेंट
- IT: रुपये की मजबूती और US बाजार कमजोरी से मुनाफावसूली; Infosys‑TCS में 1‑2 % गिरावट।
- बैंकिंग/फाइनेंस: बांड‑यील्ड स्थिर रहने से HDFC Bank, Kotak Mahindra, Bajaj Finance में 0.5‑1 % मजबूती।
- मेटल्स: चीन GDP डेटा सुस्त रहने से JSW Steel, Tata Steel हल्के लाल निशान में।
- ऑटो: इलेक्ट्रिक‑वीइकल सब्सिडी अटकलों से Tata Motors और M&M में सीमित उछाल।