हमारे यहां दूध को उबालना आम बात है। गांव हो या शहर, हर कोई दूध घर लाकर सबसे पहले उसे उबालता है। लोगों को लगता है कि उबालने से दूध में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और वो जल्दी खराब भी नहीं होता। लेकिन अब जो दूध हम इस्तेमाल कर रहे हैं, वो पहले से पाश्चराइज्ड यानी प्रोसेस किया हुआ होता है। अब बात ये है कि ऐसे दूध को उबालने की ज़रूरत है या नहीं?
एक्सपर्ट बताते हैं कि आजकल जो दूध हम बाजार से लाते हैं, वो पाश्चराइज किया हुआ होता है। यानी उसे पहले ही एक खास तापमान पर गर्म करके सारे हानिकारक बैक्टीरिया को मार दिया गया होता है। इसलिए ऐसे दूध को दोबारा उबालने की कोई जरूरत नहीं होती। फिर भी, हमारे यहां अब भी लोग दूध उबालकर ही पीना या स्टोर करना पसंद करते हैं।
कब ज़रूरी हो सकता है दूध उबालना?
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर घर में छोटे बच्चे हैं, बुजुर्ग हैं या कोई महिला प्रेग्नेंट है, तो उनके लिए दूध को उबालकर पीना सेफ होता है। क्योंकि उनकी इम्यूनिटी थोड़ी कमजोर होती है, और उबालने से रिस्क कम हो जाता है। इसके अलावा, अगर दूध का पैकेट खुला हो और उसे फ्रिज में काफी देर तक रखा गया हो, तब भी उसे पीने से पहले उबाल लेना अच्छा रहेगा।
पाश्चराइजेशन क्या है और क्यों जरूरी है?
CDC (रोग नियंत्रण केंद्र, अमेरिका) कहता है कि बिना उबाले यानी कच्चा दूध पीने से शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया जैसे ई. कोली, लिस्टेरिया, साल्मोनेला आ सकते हैं, जिससे पेट खराब, बुखार या दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन जब दूध पाश्चराइज किया जाता है, तो उसे पहले ही इतने तापमान पर गर्म किया जाता है कि ये बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। इसलिए, पैकेट वाला दूध वैसे भी सेफ होता है।
उबाले हुए दूध के क्या फायदे हैं?
हालांकि पाश्चराइज्ड दूध को उबालना ज़रूरी नहीं है, लेकिन कुछ फायदे ज़रूर मिलते हैं –
- उबालने से बैक्टीरिया मर जाते हैं और दूध ज़्यादा दिन तक खराब नहीं होता।
- कुछ लोगों को उबला हुआ दूध पचाने में आसान लगता है।
- गर्म करने से दूध का स्वाद और महक भी अच्छी हो जाती है।
तो अगली बार जब आप पैकेट वाला दूध लें, तो सोच समझकर तय करें कि उसे उबालना है या नहीं। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक, ज़रूरत पड़ने पर ही दूध उबालें – बस सावधानी रखिए और दूध का सही इस्तेमाल कीजिए।
