ज्येष्ठ मास की अमावस्या इस बार 26 मई को मनाई जाएगी। इसे वट सावित्री अमावस्या भी कहते हैं। इस बार इसके सोमवार को आने से सोमवती अमावस्या के विशेष योग बन रहे हैं। यह अमावस्या पति की लंबी आयु, आत्मशुद्धि, पितृ तर्पण और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन किए गए दान-पुण्य और तीर्थ स्नान से अक्षय पुण्य मिलता है
सोमवती अमावस्या पर दान का विशेष महत्व
सोमवती अमावस्या पर दान का विशेष महत्व माना गया है। दान पुण्य से न केवल घर में सुख समृद्धि आती है बल्कि इससे पितृ भी प्रसन्न होते हैं। इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करना चाहिए। गरीबों को भोजन करवाना चाहिए।

सोमवती अमावस्या का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
- सोमवती अमावस्या इस बार 26 मई को पड़ेगी, जब ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि सोमवार के दिन उदयकाल में रहेगी।
- इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होने के कारण मन और शरीर की शुद्धि के लिए श्रेष्ठ योग बनता है।
- गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है।
- पीपल वृक्ष में इस दिन पितरों और मां लक्ष्मी का वास माना जाता है।
- यह दिन आत्मचिंतन, पितृ स्मरण, और धार्मिक सेवा के लिए विशेष माना गया है।
पूजन विधि और तर्पण की प्रक्रिया
- प्रातःकाल सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। यदि किसी पवित्र नदी में स्नान संभव न हो तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य मंत्र का जाप करें।
- घर या मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
- दोपहर में लगभग 12 बजे के आसपास गाय के गोबर से बने कंडों पर गुड़ और घी डालकर अग्नि प्रज्वलित करें, और पितरों का ध्यान करें।
- हथेली में जल लें और दक्षिण दिशा की ओर तर्पण करें।
- किसी शिव मंदिर में दीपक जलाएं, साथ ही पीपल के पेड़ पर मीठा जल अर्पित करें और सात बार परिक्रमा करें।
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
- गंगाजल से स्नान करें या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
- तिल और जल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर तर्पण करें, जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिले।
- पीपल वृक्ष पर मीठा जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें। दीपक जलाएं और प्रार्थना करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें और ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें, सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- पवित्र गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें, पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
- गाय को तिल और आटे से बनी रोटी खिलाएं, घर में सुख-शांति आती है।
- जल में अपनी छाया देखकर उसे काले कुत्ते को पिलाएं, मानसिक तनाव कम होता है।
- ईशान कोण (पूर्वोत्तर दिशा) में शाम को दीपक जलाएं, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा डालें, परिवार में सौहार्द बढ़ता है।