आज का खेल सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं है। कैमरों की लाइट, सोशल मीडिया की चर्चा और स्टूडियो की बहसों ने खेल को एक ग्लोबल शो में बदल दिया है। इसी बदलाव ने स्पोर्ट्स जर्नलिज्म को युवाओं के लिए एक दमदार करियर विकल्प के रूप में उभारा है। अब खेलों की कवरेज महज़ रिपोर्टिंग नहीं, बल्कि एक रचनात्मक और टेक्नोलॉजी-आधारित पेशा बन चुकी है।
सोनीपत की यूनिवर्सिटी खोल रही नए दरवाज़े
हरियाणा के सोनीपत स्थित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, राई ने इस उभरते क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए स्पोर्ट्स जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन का एक विशेष पाठ्यक्रम शुरू किया है। यह कोर्स छात्रों को आधुनिक मीडिया तकनीकों—जैसे डिजिटल रिपोर्टिंग, लाइव प्रोडक्शन, स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग और कंटेंट स्ट्रैटजी—से लैस करता है।
तकनीक और खेलों का संगम
इस कोर्स में छात्रों को सिर्फ पत्रकारिता के सिद्धांत नहीं, बल्कि कैमरा ऑपरेशन, वीडियो एडिटिंग, स्टूडियो सेटअप, स्पोर्ट्स एंकरिंग और सोशल मीडिया एनालिटिक्स जैसी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसका उद्देश्य युवाओं को खेल पत्रकारिता की विविध भूमिकाओं के लिए तैयार करना है—चाहे वो टीवी चैनल हो, डिजिटल प्लेटफॉर्म या फिर OTT मीडिया।
अब बस एक क्लिक की दूरी पर है करियर
पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। इच्छुक छात्र https://www.suoh.ac.in/admission पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। यह कोर्स खासतौर पर उन छात्रों के लिए है जो खेलों में रुचि रखते हैं और मीडिया की दुनिया में कुछ अलग करना चाहते हैं।