सोमवार का सत्र भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद भारी रहा। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ की चेतावनी के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। ट्रेडिंग शुरू होते ही बीएसई सेंसेक्स 3379 अंक गिरकर 72623 पर आ गया, जबकि निफ्टी 1056 अंक टूटकर 21848 पर पहुंच गया।
10 सेकंड में 19 लाख करोड़ का नुकसान
खासतौर पर शुरुआती 10 सेकंड के भीतर ही निवेशकों की दौलत से करीब ₹19 लाख करोड़ की पूंजी का नुकसान हुआ। यह गिरावट लगभग 4.5%–4.7% के स्तर की रही, जो हाल के वर्षों में सबसे बड़ी एकदिनी गिरावटों में गिनी जा रही है।
एशियाई बाजारों में भी गिरावट की लहर
भारत ही नहीं, बल्कि हांगकांग में 10%, जापान और चीन में 6%, और ऑस्ट्रेलिया में 6.5% तक की गिरावट देखी गई। कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 5.5% तक गिर गया, जबकि जापान के निक्केई में 225 अंक की गिरावट ने बाजार की नाज़ुक स्थिति को उजागर कर दिया।
अमेरिका में भी मंदी की आहट
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का असर अमेरिकी शेयर बाजारों पर भी दिखाई दे रहा है। S&P और NASDAQ में 3%, जबकि Dow Futures में 900 अंक की गिरावट आई। शुक्रवार को NASDAQ में पहले ही 7% की गिरावट आ चुकी थी।
विशेषज्ञों ने दी ब्लैक मंडे जैसे हालात की चेतावनी
अमेरिकी वित्त विश्लेषक जिम क्रेमर ने साफ कहा है कि यह स्थिति 1987 के ब्लैक मंडे जैसी बन सकती है। उन्होंने कहा कि अगर स्थितियां नहीं सुधरीं, तो सोमवार 7 अप्रैल को इतिहास की सबसे खराब मार्केट गिरावट में शामिल किया जा सकता है।

- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मच गई है।
- भारत में सेंसेक्स 3379 अंक गिरकर 72623 पर और निफ्टी 1056 अंक गिरकर 21848 पर बंद हुआ।
- इस गिरावट से महज कुछ सेकंड में ही 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी नष्ट हो गई।
- हांगकांग, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भी 5-10% तक की गिरावट दर्ज हुई।
- विशेषज्ञों ने 1987 के ब्लैक मंडे जैसे हालात की आशंका जताई है, जहां बाजार में एक दिन में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई थी।