Tuesday, April 29, 2025
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ट्रंप की टैरिफ रियायत और RBI का बूस्ट, सेंसेक्स में 1500 अंकों की ऐतिहासिक उछाल

मंगलवार की सुबह निवेशकों के लिए वाकई “गोल्डन ऑवर” जैसी रही। रेपो रेट में कटौती और वैश्विक टैरिफ संकट में राहत के दोहरे प्रभाव ने भारतीय शेयर बाजार को जबरदस्त उड़ान दी। महज़ 10 सेकेंड के भीतर बाजार में करीब 6 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ, जिसने निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी।

सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 1576 अंकों की छलांग लगाकर 76,733.71 पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 470 अंकों की बढ़त के साथ 23,298.75 पर ट्रेड करता दिखा। बैंकिंग सेक्टर भी पीछे नहीं रहा – बैंक निफ्टी में 1100 अंकों से अधिक का उछाल देखने को मिला।

बाजार की टॉप गेनर लिस्ट में टाटा मोटर्स, HDFC, भारती एयरटेल, L&T, और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल रहे। बजाज फाइनेंस के शेयरों में भी 3.5% की मजबूती दर्ज की गई। IT, मेटल और रियल एस्टेट सेगमेंट्स ने भी बाजार की तेजी में योगदान दिया।

ट्रंप के फैसले से वॉल स्ट्रीट में उछाल, एशिया में भी दिखा असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को टैरिफ से बाहर रखने का ऐलान किया है। इस कदम ने वैश्विक टेक सेक्टर में नई जान फूंक दी है। वॉल स्ट्रीट पर इसका सीधा असर देखा गया —

  • डाउ जोन्स 312 अंक ऊपर चढ़कर 40,524.97 पर बंद हुआ
  • S&P 500 में 42 अंक की तेजी दर्ज की गई और यह 5,405.97 तक पहुंचा
  • जबकि NASDAQ 107 अंक की बढ़त के साथ 16,831.48 पर कारोबार करता दिखा

इस रुझान का सीधा फायदा जापान, दक्षिण कोरिया और हांगकांग के बाजारों को भी मिला।
जापान का निक्केई 1.15% और टॉपिक्स इंडेक्स 1.16% की बढ़त के साथ बंद हुआ। सुजुकी, माजदा, होंडा और टोयोटा के शेयरों में 4.5% से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया।

बाजार के इस बुल रन का क्या मतलब है निवेशकों के लिए?

  • कम ब्याज दरों और वैश्विक टैरिफ राहत ने इक्विटी मार्केट को अस्थायी नहीं, बल्कि मजबूत सपोर्ट दिया है।
  • बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में निवेश की रणनीति अब अधिक आकर्षक हो सकती है, खासतौर से मिड से लॉन्ग टर्म के लिए।
  • वैश्विक टैरिफ नीति में बदलाव से टेक और ऑटो सेक्टर के शेयरों में Institutional Buying बढ़ने के आसार हैं।
  • इस तेजी के दौर में, निवेशकों को वोलाटिलिटी प्रूफ पोर्टफोलियो बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
  • अब बाजार की नजर अगले RBI पॉलिसी अपडेट, FED की टिप्पणियों, और चीन-अमेरिका ट्रेड डेवलपमेंट पर टिकी रहेगी।

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