भारतीय घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत गुरुवार को हल्के दबाव के साथ हुई। ग्लोबल मार्केट के मिलेजुले संकेतों के बीच BSE सेंसेक्स 88.70 अंक की मामूली गिरावट के साथ खुला, लेकिन जल्द ही भारी बिकवाली के दबाव में आ गया और करीब 520 अंक फिसल कर 81,239.95 पर कारोबार करता देखा गया। वहीं, NSE निफ्टी 24,637.80 के स्तर पर खुला और शुरुआती ट्रेड में और नीचे चला गया।
बाजार पर रियल एस्टेट और बैंकिंग सेक्टर का विशेष दबाव देखा गया। आयशर मोटर्स और इंडसइंड बैंक के शेयर प्रमुख रूप से गिरावट में रहे। निवेशकों का रुख सतर्क दिखाई दिया, जिससे बाजार में वोलैटिलिटी बनी रही।
एशियाई बाजारों में भी दिखी कमजोरी, वैश्विक संकेत कमजोर
वैश्विक स्तर पर भी निवेशकों को राहत नहीं मिली। जापान का निक्केई 0.90% और टॉपिक्स 0.76% नीचे गिरा। यह गिरावट अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के बावजूद आई, जिससे बाजार को बेहतर संकेतों की उम्मीद थी।
अमेरिकी बाजारों की बात करें तो S&P 500 में 0.10% की मामूली बढ़त रही, लेकिन Dow Jones 0.21% टूटा और Nasdaq 0.72% ऊपर चढ़ा। यह स्पष्ट करता है कि वैश्विक निवेशक फिलहाल सतर्क और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं।
बुधवार को बाजार में रही थी तेजी, एयरटेल के शेयर में दमदार उछाल
बुधवार को बाजार ने राहत की सांस ली थी। BSE सेंसेक्स 182 अंक मजबूत होकर 81,330.56 पर बंद हुआ था। उस दिन खुदरा महंगाई दर में नरमी और वैश्विक सकारात्मक संकेतों के कारण बाजार में खरीदारी देखी गई थी।
सबसे ज्यादा तेजी टाटा स्टील (3.88%) में रही, वहीं टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, मारुति, M&M और HCL Tech जैसे दिग्गज शेयरों में भी मजबूती आई।
एयरटेल के शेयरों में भी उछाल दर्ज हुआ, क्योंकि कंपनी का मार्च तिमाही का नेट प्रॉफिट ₹11,022 करोड़ पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5 गुना अधिक था।
निवेशकों के लिए क्या संकेत हैं?
- बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहेगी, खासकर जब तक विदेशी संकेत स्पष्ट नहीं होते।
- बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर पर निवेशक ध्यान रखें, क्योंकि फिलहाल इन सेक्टर्स में दबाव है।
- IT और टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियां जैसे एयरटेल और इंफोसिस, मजबूत तिमाही परिणामों के कारण फोकस में रह सकती हैं।
- महंगाई दर और वैश्विक संकेतक, जैसे अमेरिकी फेड रिजर्व की नीति, भारतीय निवेशकों के लिए आने वाले दिनों में दिशा तय करेंगे।