नेशनल ब्रेकिंग. तमिलनाडु सरकार द्वारा राज्य के बजट में भारतीय रुपये के आधिकारिक सिंबल ‘₹’ की जगह तमिल लिपि में ‘ரூ’ का उपयोग करने पर विवाद गहरा गया है। भाजपा इस फैसले को संविधान विरोधी बता रही है, जबकि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे तमिल भाषा के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता बताया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है।
स्टालिन का बचाव – ‘यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं’
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी पहले रुपये के सिंबल की जगह ‘ரூ’ का इस्तेमाल कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, “तमिल विरोधी मानसिकता रखने वाले इसे बेवजह बड़ा मुद्दा बना रहे हैं। यह हमारी भाषा और संस्कृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है।”
सीतारमण ने DMK पर साधा निशाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सभी निर्वाचित प्रतिनिधि और अधिकारी संविधान की शपथ लेते हैं, जिसमें देश की संप्रभुता और अखंडता बनाए रखना शामिल है। उन्होंने सवाल किया कि जब 2010 में रुपये का आधिकारिक सिंबल ‘₹’ अपनाया गया था, तब डीएमके ने इसका विरोध क्यों नहीं किया?
तमिलनाडु सरकार का केंद्र से टकराव
यह विवाद तब शुरू हुआ जब 13 मार्च को तमिलनाडु सरकार ने 2025-26 के बजट में ‘₹’ के स्थान पर ‘ரூ’ को अपनाया। इससे पहले भी तमिलनाडु सरकार नई शिक्षा नीति (NEP) और त्रिभाषा नीति को लेकर केंद्र सरकार से टकराव में रही है।
तमिलनाडु में यह मुद्दा राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है। जहां डीएमके इसे तमिल भाषा के सम्मान की बात कह रही है, वहीं भाजपा इसे राष्ट्रीय प्रतीकों से छेड़छाड़ मान रही है। अब देखना होगा कि यह बहस कहां तक पहुंचती है।

- तमिलनाडु सरकार ने 2025-26 के बजट में भारतीय रुपये के आधिकारिक सिंबल ‘₹’ की जगह तमिल लिपि में ‘ரூ’ का उपयोग किया।
- भाजपा ने इस फैसले को संविधान विरोधी बताते हुए डीएमके सरकार पर हमला बोला।
- मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बचाव करते हुए कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी पहले ‘ரூ’ का उपयोग कर चुकी हैं।
- सीतारमण ने डीएमके पर निशाना साधते हुए पूछा कि जब 2010 में रुपये का आधिकारिक सिंबल तय हुआ था, तब विरोध क्यों नहीं किया गया?