राजस्थान पुलिस के मुखिया रहे यूआर साहू को राज्य लोक सेवा आयोग (RPSC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े द्वारा जारी आदेश के बाद अब राजस्थान को नया डीजीपी भी मिलेगा। साहू की यह तैनाती ऐसे समय में हुई है जब आयोग की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
10 महीने से खाली था अध्यक्ष पद
RPSC में स्थायी अध्यक्ष का पद बीते वर्ष 1 अगस्त 2024 को संजय श्रोत्रिय के कार्यकाल समाप्त होने के बाद से खाली चल रहा था। तब से मेंबर कैलाशचंद मीणा कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका में थे। करीब 10 महीने बाद आयोग को अब पूर्णकालिक अध्यक्ष मिला है।
ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले साहू 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें इसी साल 11 फरवरी को राज्य का डीजीपी नियुक्त किया गया था। उनकी जन्मतिथि 20 जून 1964 है, ऐसे में वे RPSC अध्यक्ष पद पर अगले साल जून तक यानी एक साल की अवधि तक रहेंगे। नियमों के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष अधिकतम 62 वर्ष की आयु तक पद पर रह सकते हैं।
RPSC की गिरती साख एक बड़ी चुनौती
यूआर साहू के सामने सबसे बड़ी चुनौती आयोग की साख को दोबारा स्थापित करने की होगी। पेपर लीक, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और पक्षपात जैसे गंभीर आरोपों ने संस्था की विश्वसनीयता को गहरा धक्का पहुंचाया है। RAS जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाएं लगातार विवादों में रही हैं और अदालतों में इनसे जुड़े कई मामले विचाराधीन हैं। ऐसे में साहू की प्रशासनिक सख्ती और ईमानदार छवि आयोग को पटरी पर लाने में मददगार हो सकती है।
लगातार तीसरे IPS अध्यक्ष की नियुक्ति
यह लगातार तीसरा मौका है जब किसी आईपीएस अधिकारी को RPSC का पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले भूपेंद्र यादव और संजय श्रोत्रिय जैसे पूर्व डीजीपी इस पद को संभाल चुके हैं। यादव अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2021 तक अध्यक्ष रहे, जबकि क्षोत्रिय फरवरी 2022 से अगस्त 2024 तक पद पर रहे। इनके बीच कार्यवाहक अध्यक्षों ने काम संभाला था।