अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध का नया आदेश जारी किया है। यह फैसला 9 जून से प्रभावी होगा। सरकारी बयान के अनुसार इसका मकसद आतंकवाद, नफरत फैलाने और इमिग्रेशन कानूनों के दुरुपयोग को रोकना है।
यह प्रतिबंध न सिर्फ टूरिस्ट वीजा, बल्कि स्टूडेंट, वर्क और इमिग्रेंट वीजा तक को प्रभावित करेगा। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, जिन देशों पर यह बैन लगाया गया है, उनके नागरिक अमेरिका में लगभग किसी भी रूप में एंट्री नहीं ले पाएंगे।
7 देशों के लिए सीमित प्रवेश की छूट
साथ ही 7 अन्य देशों के नागरिकों पर आंशिक प्रतिबंध लागू किया गया है। इसका मतलब यह है कि वे कुछ विशेष श्रेणियों में ही अमेरिका आ सकेंगे। उदाहरण के लिए, किसी देश के स्टूडेंट्स को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति हो सकती है, लेकिन उन्हें वर्क वीजा नहीं मिलेगा।
ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि यह श्रेणीबद्ध रुख सुरक्षा के साथ-साथ कुछ ज़रूरी मानवीय और शैक्षिक ज़रूरतों को भी ध्यान में रखता है।
“सावधानी से वीजा जारी करें” : ट्रम्प की अपील
ट्रम्प ने अपने आदेश में साफ कहा है कि वीजा प्रोसेसिंग में अधिक सतर्कता बरती जाए। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमें उन लोगों से देश को सुरक्षित रखना होगा जो यहां आकर देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं या हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2017 में उनके पहले कार्यकाल में इसी तरह के ट्रैवल बैन लागू किए गए थे, जिन्हें लेकर उस समय काफी विवाद हुआ था।
पहले भी बैन लगा चुके हैं ट्रंप
जनवरी 2017 में ट्रम्प सरकार ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर ट्रैवल बैन लगाया था—जिनमें ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन शामिल थे। बाद में इस सूची में फेरबदल किया गया, जैसे इराक को हटाना और चाड को जोड़ना। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “मुस्लिम बैन” कहे जाने से बचने के लिए बाद में नॉर्थ कोरिया और वेनेजुएला जैसे गैर-मुस्लिम देशों को भी सूची में जोड़ा गया।
आदेश में अफगानिस्तान और म्यांमार का ज़िक्र
नवीनतम आदेश में खासतौर पर अफगानिस्तान का उल्लेख किया गया है, जहां तालिबान के शासन को अमेरिका एक आतंकी संगठन मानता है। ट्रम्प के अनुसार वहां कोई वैध और सहयोगी सरकार नहीं है जो पासपोर्ट जैसी बुनियादी पहचान सुविधाएं दे सके।
वहीं म्यांमार को लेकर आदेश में कहा गया है कि वहां से आए नागरिक वीजा की समयसीमा समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में अवैध रूप से रुक जाते हैं, इसलिए प्रतिबंध आवश्यक है।