सूर्य देव आज (15 मई) वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे वृषभ संक्रांति कहा जाता है। यह दिन न केवल ज्योतिषीय रूप से विशेष है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्व रखता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए कर्म विशेषकर स्नान, तर्पण और दान व्यक्ति के जीवन को शुद्ध और समृद्ध बनाते हैं।
वृषभ संक्रांति पर सुबह 5:30 से 7:46 तक का समय महापुण्य काल माना गया है। इस अवधि में पवित्र नदियों में स्नान या घर में गंगाजल डालकर स्नान करना विशेष फलदायक होता है। स्नान के बाद पितरों को तर्पण देने से व्यक्ति के कर्मों से हुए दोष शांत होते हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
इन वस्तुओं का करें दान
गाय की सेवा, घी, जल और गेहूं का दान इस दिन पुण्य फल बढ़ाता है। मान्यता है कि इससे पूर्वजों की प्रसन्नता प्राप्त होती है और घर-परिवार में आर्थिक संकटों का समाधान होता है। इसके साथ ही तामसिक आहार मांस, मछली या मादक पदार्थों का सेवन इस दिन वर्जित है।
भूलकर भी न करें ये काम
इस दिन कुछ सावधानियां भी बरतें। वृषभ संक्रांति के दिन कुछ ऐसे कार्य हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। स्नान के बिना भोजन न करें, देर तक न सोएं, नुकीली वस्तुएं जैसे चाकू या कैंची का दान न करें और किसी भूखे या ज़रूरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं।
इन उपायों को अपनाने से आएगी समृद्धि
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और संभव हो तो तीर्थ या घर में गंगाजल डालकर स्नान करें।
- स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल में सफेद तिल मिलाकर अर्घ्य दें।
- इस दिन श्री सूर्य स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करें, जिससे मानसिक शुद्धि और सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
- पितरों के लिए तर्पण करें और परिवार की सुख-शांति के लिए घी, जल, गेहूं का दान करें।
- किसी भूखे, ज़रूरतमंद या आगंतुक को खाली हाथ न लौटाएं, यथासंभव अन्न या वस्त्र का दान करें।