हर साल 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिन तंबाकू के सेवन के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को तंबाकू से दूर रहने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
भारत में भी इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि तंबाकू न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव सामाजिक और पर्यावरणीय स्तर पर भी गंभीर होते हैं।
तंबाकू सेवन फेफड़े, मुँह, किडनी, लिवर, गले सहित कई अंगों में कैंसर और अन्य जानलेवा बीमारियों का प्रमुख कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल करीब एक करोड़ लोग तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। यह न केवल व्यक्तिगत जीवन के लिए खतरा है, बल्कि परिवार और समाज पर भी इसका भारी सामाजिक-आर्थिक बोझ पड़ता है।
तंबाकू एक अनदेखा संकट
तंबाकू की खेती के लिए दुनिया भर में करीब 35 लाख हेक्टेयर भूमि उपयोग में लाई जाती है, जो वनक्षरण और मिट्टी की उर्वरता घटाने का मुख्य कारण बनती है।
साथ ही, तंबाकू उत्पादन में भारी मात्रा में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग पर्यावरण के लिए नुकसानदेह होता है। जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन और प्रदूषण भी तंबाकू उद्योग के पर्यावरणीय प्रभावों में शामिल हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 का थीम
इस वर्ष 2025 का विषय है-
“Unmasking the Appeal: Exposing Industry Tactics on Tobacco and Nicotine Products”।
यह थीम तंबाकू और निकोटीन उत्पादों के निर्माता उद्योगों द्वारा युवाओं को आकर्षित करने के लिए अपनाई जाने वाली धोखाधड़ी भरी मार्केटिंग रणनीतियों को उजागर करती है। भारत जैसे युवा आबादी वाले देशों के लिए यह विषय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि तंबाकू उद्योग लगातार नई तकनीकों और विज्ञापन के जरिए युवाओं को अपने जाल में फंसाने का प्रयास करता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025
“Unmasking Industry Tactics”
तंबाकू से जुड़े प्रमुख तथ्य
- तंबाकू से सालाना 1 करोड़ मौतें होती हैं।
- तंबाकू सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- देश में 35 लाख हेक्टेयर भूमि तंबाकू खेती में व्यतीत होती है।
- तंबाकू पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करता है।
- युवाओं को लुभाने के लिए मार्केटिंग चालें अपनाई जाती हैं।
तंबाकू के दुष्प्रभाव
- फेफड़े, मुँह और लिवर कैंसर हो सकते हैं।
- हृदय और फेफड़ों की गंभीर बीमारियां बढ़ती हैं।
- समाज और आर्थिक रूप से बोझ बढ़ता है।
तंबाकू छोड़ने के उपाय
- निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी अपनाएं।
- योग और ध्यान से मन को शांति दें।
- शूगर फ्री गम चबाना लाभकारी है।
- व्यायाम और मन को व्यस्त रखना जरूरी है।
www.nationalbreaking.com का संदेश:
तंबाकू से दूर रहें, स्वस्थ जीवन अपनाएं!
पिछले वर्षों के विश्व तंबाकू निषेध दिवस के थीम
पिछले वर्षों में भी इस दिवस के विषय समाज और पर्यावरण की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप चुने गए हैं। उदाहरण के लिए-
- 2024 में: “बच्चों को तंबाकू उद्योग की चालबाजी से बचाना”
- 2023 में: “हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं”
- 2022 में: “तंबाकू: हमारे पर्यावरण के लिए खतरा”
इन विषयों ने तंबाकू के विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता फैलाने का काम किया।
तंबाकू छोड़ने के प्रभावी उपाय
धूम्रपान या तंबाकू छोड़ना आसान नहीं होता, लेकिन कई उपाय इसे संभव बना सकते हैं।
- निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT)
- योग और ध्यान से तनाव कम करना
- गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाना
- नियमित व्यायाम करना
- धूम्रपान वाले स्थानों से दूर रहना
- चीनी रहित गम चबाना
- अपने मन को व्यस्त रखना ताकि cravings कम हों
इन तरीकों से तंबाकू की लत से निजात पाना संभव है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस हमें हर साल याद दिलाता है कि तंबाकू हमारे स्वास्थ्य, समाज और पर्यावरण के लिए कितनी बड़ी चुनौती है। इस दिन हम सभी को मिलकर तंबाकू के खतरों को समझना और दूसरों तक इसका सही संदेश पहुंचाना चाहिए। याद रखें, तंबाकू छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन स्वस्थ, खुशहाल जीवन के लिए यह कदम बेहद ज़रूरी है।
चलो, इस 31 मई को तंबाकू के सेवन को न केवल खुद से दूर करें, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी इससे बचाने का संकल्प लें। क्योंकि जब हम तंबाकू से दूर रहेंगे, तो स्वास्थ्य, खुशहाली और प्रकृति सभी का भला होगा।

- हर साल 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य तंबाकू के खतरों से जागरूकता फैलाना है।
- 2025 का थीम “Unmasking the Appeal” युवाओं को आकर्षित करने वाली तंबाकू उद्योग की धोखाधड़ी को उजागर करता है।
- तंबाकू सेवन से कैंसर, हृदय रोग, और पर्यावरणीय क्षति जैसी गंभीर समस्याएं होती हैं, जो विश्वभर में करोड़ों लोगों की मौत का कारण बनती हैं।
- भारत सहित कई देशों में तंबाकू छोड़ने के प्रभावी उपायों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि युवा तंबाकू से दूर रहें।
- इस दिवस का मकसद न केवल तंबाकू के दुष्प्रभावों को उजागर करना बल्कि स्वस्थ, तंबाकू-मुक्त जीवनशैली को बढ़ावा देना है।