वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने एक बड़ा दांव खेला—मार्नस लाबुशेन को बतौर ओपनर मैदान में भेजा गया, लेकिन यह चाल टीम के खिलाफ ही चली गई। साउथ अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ मार्को जानसेन ने जिस तरह लाबुशेन की एकाग्रता को तोड़ा, उससे ऑस्ट्रेलियाई ड्रेसिंग रूम में तनाव साफ देखा गया। लाबुशेन ने 55 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ़ 17 रन बनाए, वो भी एक चौके के साथ। इस दौरान उनका बॉडी लैंग्वेज बताता था कि वो पूरी तरह कंफर्टेबल नहीं थे।
मार्को जानसेन की रणनीति रही असरदार
पहले सत्र में लाबुशेन की सतर्क बल्लेबाज़ी को जानसेन ने धैर्य के साथ चुनौती दी। उन्होंने लेंथ को बार-बार बदला और लाबुशेन को शॉट खेलने के लिए मजबूर किया। आखिरकार, एक बाहर जाती गेंद पर लाबुशेन चूके और विकेटकीपर काइल वेरिन ने कैच लपक लिया। जानसेन की ये सफलता साउथ अफ्रीका के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त साबित हुई।
स्पेशलिस्ट ओपनर के होते हुए भी फैसला अजीब
ऑस्ट्रेलियाई चयन समिति का यह फैसला चौंकाने वाला रहा कि स्क्वॉड में शामिल स्पेशलिस्ट ओपनर सैम कॉन्स्टास को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। कॉन्स्टास ने भारत के खिलाफ हालिया सीरीज में उस्मान ख्वाजा के साथ स्थिर ओपनिंग पार्टनरशिप दी थी। बावजूद इसके, कप्तान कमिंस और टीम मैनेजमेंट ने अनुभव के नाम पर लाबुशेन को तरजीह दी, जबकि वह आमतौर पर नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करते हैं।
डेविड वॉर्नर की जगह अभी भी खाली
डेविड वॉर्नर के संन्यास के बाद से ऑस्ट्रेलिया ओपनिंग स्लॉट को लेकर लगातार प्रयोग कर रहा है—कभी ट्रेविस हेड को ऊपर भेजा गया, कभी नए खिलाड़ियों को आज़माया गया। लेकिन अब तक कोई भी खिलाड़ी उस रोल में खुद को स्थापित नहीं कर पाया है। लाबुशेन की यह नाकाम ओपनिंग पारी भी यही संकेत देती है कि टीम अब भी प्रयोगों के दौर से बाहर नहीं निकल पाई है।
WTC फाइनल की पिच पर टॉप ऑर्डर की परीक्षा
लॉर्ड्स की पिच पर सुबह के सत्र में गेंदबाज़ों को मदद मिलती है, और इसी मदद का साउथ अफ्रीकी तेज़ गेंदबाज़ों ने पूरा फायदा उठाया। लाबुशेन को जल्दी भेजना रणनीतिक रूप से साहसी भले हो, लेकिन प्रैक्टिकल नहीं साबित हुआ। उनकी जगह यदि कॉन्स्टास को मौका मिलता तो शायद टीम को एक सॉलिड शुरुआत मिल सकती थी। साउथ अफ्रीका की योजना साफ थी—टॉप ऑर्डर पर अटैक करके ऑस्ट्रेलिया की रीढ़ तोड़नी है।
WTC फाइनल की दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन
साउथ अफ्रीका: टेम्बा बावुमा (कप्तान), एडेन मार्कराम, रयान रिकेल्टन, वियान मुल्डर, ट्रिस्टन स्टब्स, डेविड बेडिंघम, काइल वेरिन, मार्को जानसेन, केशव महाराज, कगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी
ऑस्ट्रेलिया: उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, कैमरून ग्रीन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, ब्यू वेबस्टर, एलेक्स कैरी, पैट कमिंस (कप्तान), मिचेल स्टार्क, नाथन लियोन, जोश हेजलवुड

- ऑस्ट्रेलिया ने मार्नस लाबुशेन को बतौर ओपनर उतारने का जोखिम लिया जो पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ।
- लाबुशेन ने 55 गेंदों में सिर्फ़ 17 रन बनाए और जानसेन की गेंद पर आउट हो गए।
- स्क्वॉड में मौजूद स्पेशलिस्ट ओपनर सैम कॉन्स्टास को फिर से नज़रअंदाज़ किया गया।
- डेविड वॉर्नर के रिटायरमेंट के बाद ऑस्ट्रेलिया ओपनिंग कॉम्बिनेशन को लेकर लगातार प्रयोग कर रहा है।
- साउथ अफ्रीका की गेंदबाज़ी योजना कारगर रही और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत को कमजोर किया।